बिहार विधानसभा सत्रमे विपक्ष संविधानक नवम अनुसूचीमे ६५% आरक्षण केर शामिल करय केर मांगक संग हंगामा कयलक। राजद विधायक नाराबाजी कयलनि आ बैनर-पोस्टरक प्रदर्शन कयलनि।
बिहार विधानसभाक शीतकालीन सत्रक दोसर दिन (२६ नवंबर) विपक्ष हंगामा कय रहल छल। महागठबंधनक विधायक बैनर आ पोस्टर लऽ कऽ विधानसभामे प्रदर्शन कऽ रहल छलथि। ओ सभ नारा लगा रहल छलथि। ओ सभ मांग कऽ रहल छथि जे ६५ प्रतिशत आरक्षण संविधानक नवम अनुसूचीमे शामिल कयल जाय। राजद विधायक आ मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन कहलनि जे एकरा संविधानक नवम अनुसूचीमे शामिल कयल जेबाक चाही। आइ सदनमे हम चर्चाक लेल स्थगन प्रस्ताव देब। केंद्र सरकार नीतीश कुमार बल पर चलि रहल अछि, मुदा मुख्यमंत्री इ नहि करा पाबि रहल छथि। ओ आगू कहलनि जे वक्फ संशोधन विधेयक एकटा कारी विधेयक अछि। विधानसभासँ नीतीश कुमार खिलाफमे प्रस्ताव पारित करथि।
राजद आ कांग्रेसक कतेको विधायक हाथमे पोस्टर लऽ कऽ नीतीश कुमार सरकारक खिलाफ नाराबाजी करैत कहलनि जे भाजपा आरक्षणक मूल भावनाकेँ कमजोर कऽ रहल अछि। एकर विरोध जारी रहत। सभ विधायक हाथमे पोस्टर पकड़ने छलाह आ कहलनि जे संविधानक रक्षा के करत ? हम करब – हम करब।
वास्तवमे जखनि बिहारमे महागठबंधन सरकार सत्तामे छल, तखनि बिहार सरकार अपन दम पर जातिगत जनगणना करबा लेल ५०० करोड़ रुपया खर्च कयने छल। एकर बाद आरक्षणक दायरा बढ़ा देल गेल। ई ५० सँ ६५ प्रतिशत छल, मुदा मामिला पटना उच्च न्यायालयमे चलि गेल। पटना उच्च न्यायालय ६५ प्रतिशत आरक्षण रद्द कऽ देलक। बिहार सरकार सेहो सर्वोच्च न्यायालयमे गेल, मुदा ओतयसँ झटका लागल। आब महागठबंधन एकरा संविधानक ९म अनुसूचीमे रखबाक लेल दबाव बना रहल अछि।