राजनीति

खड़गे पर राष्ट्रपति मुर्मू आ पूर्व राष्ट्रपति कोविंद’क अपमान करबाक भाजपाक आरोप – “कांग्रेसकेँ माफी मांगय केर चाही”

नई दिल्ली
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भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आ पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द केर खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करबाक आरोप लगौलक अछि। भाजपाक राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया कहलनि जे, खड़गे देशक पहिल महिला आदिवासी अध्यक्ष द्रौपदी मुर्मू आ पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंदक खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कयलनि जे दलित आ आदिवासी समुदायक अपमान अछि। एकर संग संग ओ कांग्रेस पार्टीसँ माफी मांगय लेल कहलनि।

गौरव भाटिया मंगलदिन पत्रकार सम्मेलनकेँ संबोधित करैत कहलनि, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जानि-बुझि कऽ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आ पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद’क अपमान कयलनि। की ई वैह कांग्रेस पार्टी अछि जे अपनाकेँ संविधानक रक्षक कहैत अछि ? जे पार्टीक नेता सब हाथमे संविधानके प्रतिलिपि ल कय जनताके सामने नारा लगबैत छथि, वैह नेता सब देशके शीर्ष संवैधानिक पद पर बैसल व्यक्तिके एहि तरहेँ अपमान करैत छथि। एहिसँ कांग्रेसक संकीर्ण, जातिवादी आ संवैधानिक विरोधी सोच उजागर भ जाइत अछि।

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया कहलनि, ई बयान आदिवासी विरोधी, महिला विरोधी आ दलित विरोधी मानसिकताके घृणित प्रदर्शन अछि। ई कांग्रेसके नीचा गिरल राजनीतिक सोचक उदाहरण अछि। देश आइ एहि बयान पर थूकि रहल अछि। कांग्रेस सांसद राहुल गांधीके निशाना बना ओ कहलनि जे हम हुनकासँ पूछय चाहय छी जे कांग्रेसमे एतेक कटुता आ घृणा किएक अछि? की ई वैह कांग्रेस अछि जे दशकों सँ सत्तामे रहैत विपन्न वर्गक अधिकारकेँ अनदेखी कयलक ?

ओ कहलनि जे, आइ कांग्रेस अपनाकेँ शिकारक रूपमे देखाबय केर कोशिशमे अछि, जखनिकि असली जमीन हड़पनिहारक इतिहास कांग्रेस परिवारसँ जुड़ल अछि। रॉबर्ट वाड्रा जाहि तथाकथित नकली गांधी परिवारसँ संबंधित छथि, ओ वास्तवमे जमीन हड़पबाक एकटा जीवंत उदाहरण अछि। आइ जखनि कोनो गरीब, आदिवासी, कर्मठ महिला देशक राष्ट्रपति बनि गेल छथि तखनि कांग्रेसक नेताकेँ नीक नहि लागि रहल छनि।

गौरव भाटिया आगू कहलनि जे कांग्रेस अध्यक्षक ई टिप्पणी मात्र व्यक्तिगत अपमान नहि अपितु राष्ट्रपति पदक गरिमाक अपमान अछि। ओ कांग्रेससँ माफी माँगय लेल कहलनि आ कहलनि जे भारतक जनता आब जागि गेल अछि आ एहेन घृणित विचारकेँ सोझे खारिज करत। खड़गे केर ई बयान खाली व्यक्तिगत दुर्भावना नहिं अछि, ई देशक आत्मा आ संविधानक मूल मूल्य पर सीधा हमला अछि।

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