राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमदिन संसद द्वारा हालहिमे पारित तीनटा आपराधिक कानून विधेयककेँ मंजूरी देलनि, जे भारतीय दंड संहिताकेँ बदलबाक प्रस्ताव भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहितामे दंड प्रक्रिया संहिता बदलबाक प्रस्ताव आ भारतीय साक्ष्य संहिता, जे भारतीय साक्ष्य अधिनियम केर प्रतिस्थापित करय चाहैत अछि, से अछि।
राष्ट्रपतिक सहमतिसँ पछिला बृहस्पति दिन संसद द्वारा पारित एहि विधेयकसभकेँ कानूनमे बदलि देल गेल अछि।
भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता आ भारतीय साक्ष्य अधिनियमक पहिलुक तिकड़ी आब निरस्त कऽ देल गेल अछि।
तीनू आपराधिक विधेयकक उद्देश्य अनिवार्य रूपसँ औपनिवेशिक युगक आपराधिक कानूनकेँ पुनर्जीवित केनाइ छैक, जाहिमे आतंकवाद, लिंचिंग आ राष्ट्रीय सुरक्षाकेँ खतरा उत्पन्न करयवला अपराधक लेल दंड बढ़यबा पर ध्यान केन्द्रित कयल गेल छैक। गृह मंत्री अमित शाह पछिला बृहस्पति दिन उच्च सदनमे बहसक उत्तर दैत कहने छलाह जे भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता आ भारतीय साक्ष्य अधिनियमकेँ निरस्त आ प्रतिस्थापित करयवाला विधेयक आपराधिक न्याय प्रणालीमे एकटा नव युगक आरम्भ करत।