राजनीति

प्रशांत किशोरक बिहारक राजनीतिमे सक्रिय प्रवेशक तैयारी पूरा

पटना
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चुनाव रणनीतिकारसँ राजनेता बनल प्रशांत किशोर उर्फ पीके घोषणा कयलनि अछि जे ओ बिहार विधानसभा चुनावसँ पहिने एकटा नव पार्टीक गठन कऽ चुनावी मैदानमे उतरताह। प्रशांत किशोर घोषणा कयलनि अछि जे ओ २ अक्टूबर २०२४केँ जन सुराज पार्टीक गठन करताह। असलमे लगातार बिहारक सब जिलामे जा कऽ लोकसँ भेंट कय आ बिहारक राजनीतिक माहौलकेँ जानलाक बाद पीकेकेँ लगय लागल अछि जे बिहारक जनता बदलाव चाहैत अछि। ओ कहैत छथि जे जनताक आकांक्षाकेँ देखैत ओ बिहारमे एकटा नव विकल्प देबाक दिशामे आगू बढ़ल छथि आ एहि क्रममे ओ एकटा नव पार्टीक संग मैदानमे ताल ठोकय केर तैयारीमे छथि।

पिछला १८ माससँ पदयात्रा कऽ रहल जन सूरजक सूत्रधार प्रशांत किशोर कहलनि जे बिहारक ५० प्रतिशतसँ बेसी आबादी चाहैत अछि जे एकटा नव पार्टीक गठन होय। लोक चाहैत छथि जे जँ बिहार केर सुधार करय केर अछि तऽ राज्यमे एकटा नव पार्टी वा नव विकल्पक गठन होय, कियैकि जनता पिछला ३० सालसँ लालू, नीतीश आ भाजपासँ तंग आबि गेल अछि।

प्रशांत किशोर आगू कहलनि जे बिहारक लोक देखि रहल छथि जे हुनकर जीवनमे सुधार नहिं भऽ रहल अछि, मुदा लोककें वोट देबाक रास्ता नहिं देखाई पड़ि रहल अछि जे केकरा वोट दी। प्रशांत किशोर कहलनि जे सामान्य आदमी असगर तऽ पार्टी बना नहिं सकैत अछि, एहेन स्थितिमे जन सुराज लोकक शक्ति केर एकजुट करबाक अभियान अछि आ सब कियो मिलि कऽ ओ चुनाव करैत अछि जकरा हर आदमी खोजि रहल अछि।

प्रशांत किशोरक एहि कदम पर बिहारक वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहैत छथि जे प्रशांत किशोर एकटा कुशल राजनीतिक रणनीतिकार छथि। हुनक अनुभवकेँ देखैत हुनक पार्टी पर नजरि तऽ राखहे पड़त। चुनावमे कतेको बेर मतदाता एहि बात पर भ्रमित रहैत छथि जे केकरा वोट दियै, जँ बिहारक जनताकेँ लगैत अछि जे एनडीए आ महागठबंधन केर अलावा पीके केर पार्टी बेहतर सरकार दऽ सकैत अछि तऽ प्रशांत किशोर बड़का लाभार्थी भऽ सकैत छथि। अरविन्द केजरीवाल एहन चित्र पहिने देखाकऽ एकटा नव मार्ग देखौलनि अछि।

संगहि बिहारक राजनीति पर गहन नजरि रखनिहार वरिष्ठ पत्रकार अरुण पाण्डेय कहैत छथि जे प्रशांत किशोर एनडीए आ महागठबंधन केर अलावा बिहारमे लगातार तेसर कोण बनेबाक प्रयास कऽ रहल छथि, मुदा बिहार सन राज्यमे कतेक सफल होयत से देखब बाकी अछि। अरुण पाण्डेय कहैत छथि जे वास्तवमे बिहार जातिगत राजनीति लेल सदैव प्रसिद्ध रहल अछि, एहन स्थितिमे ओहि बेड़ी केर कोना तोड़ल जाय आ कोना अलग-अलग विकल्प देल जाय, एहि पर नजरि रहत, जे बिल्कुल आसान नहिं अछि।

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