सुरक्षा

पीओके भेटलासँ सुलझत कश्मीरक मसला : एस. जयशंकर

नई दिल्ली
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भारतक विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर काल्हि ब्रिटेनक दौरा पर छलथि। कश्मीरक मुद्दाक विषयमे पूछला पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर कहलनि, “कश्मीरमे हमसभ ओकर अधिकांश मुद्दाक समाधानमे नीक काज कयलहुँ। हमरा लगैत अछि जे अनुच्छेद 370 हटायब पहिल डेग छल। दोसर डेग कश्मीरमे विकास, आर्थिक गतिविधि आ सामाजिक न्यायकेँ बहाल करब अछि। निष्पक्ष चुनाव करायब तेसर डेग छल, जाहिमे बेसी मतदान भेल। हमरा लगैत अछि जे हम जाहि भागक प्रतीक्षा कऽ रहल छी ओ कश्मीरक भाग अवैध पाकिस्तानी कब्जामे अछि। जखन ओ भऽ जायत तखनि हम अहाँकेँ आश्वासन दैत छी जे कश्मीर मुद्दा सुलझि जायत।

एहि सवाल पर जे भारत चीनक संग कोन तरहक संबंध चाहैत अछि ? ओ कहलनि हम दुनियाक मात्र दूटा देश छी जकर जनसंख्या एक अरबसँ बेसी अछि। हमर दुनूक एकटा लम्बा इतिहास अछि, जकर समयक संग उतार-चढ़ाव आयल अछि। आइ दुनू देश ऊपर दिसि बढ़ि रहल अछि आ हम सीधा पड़ोसी सेहो छी। चुनौती ई अछि जे जेना-जेना कोनो देश आगू बढ़ैत अछि, दुनिया आ ओकर पड़ोसीक संग ओकर सन्तुलन बदलैत जाइत अछि। जखनि एहि आकार, इतिहास, जटिलता आ महत्वक दूटा देश समानान्तर रूपसँ आगू बढ़ैत अछि तखनि ओ अनिवार्य रूपसँ परस्पर काज करैत अछि। मुख्य मुद्दा ई अछि जे स्थिर सन्तुलन कोना बनाओल जाय आ सन्तुलनक अगिला चरणमे संक्रमण कोना कयल जाय।

हम एकटा स्थिर सम्बन्ध चाहैत छी जतय हमर हितक सम्मान होय, हमर संवेदनशीलताकेँ मान्यता देल जाय आ जतय ई हमर दुनूक लेल काज करय। वास्तवमे, ई हमर सम्बन्धक मुख्य चुनौती अछि। भारतक लेल सीमा एकटा महत्वपूर्ण पहलू अछि। पछिला ४० सालसँ ई धारणा बनल अछि जे सम्बन्धकेँ बढ़यबाक लेल सीमावर्ती क्षेत्रमे शान्ति आ स्थिरता आवश्यक अछि। जँ सीमा अस्थिर अछि, शान्तिपूर्ण नहि अछि वा शान्तिक अभाव अछि तँ ई निश्चित रूपसँ हमर सम्बन्धक विकास आ दिशाकेँ प्रभावित करत।

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