कारगिल विजय दिवसक २५म वर्षगाँठक अवसर पर देश भरिमे विभिन्न कार्यक्रमक आयोजन कयल जा रहल अछि। २६ जुलाईकेँ २५म कारगिल विजय दिवसक अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी भोर लगभग ९:२० बजे कारगिल युद्ध स्मारकक दौरा कय सर्वोच्च बलिदान देनिहार बहादुरसभकेँ श्रद्धांजलि देताह। एहि दौरान प्रधानमंत्री शिंकुन ला सुरंग परियोजनाक शिलान्यास करताह।
शिंकुन ला सुरंग परियोजनामे ४.१ किलोमीटर नमगर ट्विन-ट्यूब सुरंग शामिल अछि, जकर निर्माण लगभग १५,८०० फीटक ऊँचाई पर निमू-पदुम-दरचा सड़क पर कयल जायत, जाहिसँ लेहकेँ हर मौसममे कनेक्टिविटी प्रदान कयल जा सकय। एक बेर पूरा भेलाक बाद ई दुनियाक सबसँ ऊँच सुरंग होयत। शिंकुन ला सुरंग नहिं मात्र हमर सशस्त्र सेना आ उपकरणक तेज आ कुशल आवाजाही सुनिश्चित करत, बल्कि लद्दाखमे आर्थिक आ सामाजिक विकासकेँ सेहो बढ़ावा देत।
‘कारगिल युद्ध’ १९९९ केर वैऽह लड़ाई छल, जाहिमे पाकिस्तानी सेना अपन धोखेबाज चरित्र देखौलक आ द्रास-कारगिलक पहाड़ी पर भारतक विरुद्ध साजिश आ विश्वासघातसँ कब्जा करय केर प्रयास कयने छल। ओहि समयमे भारतीय सेना अपन मातृभूमिमे प्रवेश कयनिहार घुसपैठियासभकेँ भगाबय लेल एकटा पैघ अभियान शुरू कयलक, जाहिमे भारतीय सेनाक ५२७ रणबांकुर अपन बलिदानसँ मातृभूमिकेँ दुश्मनक नापाक डेगसँ मुक्त कयलनि। कैप्टन विक्रम बत्राकेँ हुनक अदम्य साहस आ वीरताक लेल मरणोपरांत देशक सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्रसँ सम्मानित कयल गेल।
सेनाक १३६३ सैनिक घायल भेलाक बादो लड़लनि आ अपन बहादुरी गाथा लिखलनि।
सेनाक १३६३ सैनिक घायल भेलाक बादो नहिं मात्र लड़ाई लड़लनि बल्कि एकर निष्कर्ष तक पहुँचाबयमे अपन योगदान देलनि। कारगिलक ई लड़ाई दुनियाक इतिहासक सबसँ ऊँच क्षेत्रमे लड़ल गेल छल।
सर्वोच्च बलिदान देनिहार सैनिकक स्मृतिमे ‘कारगिल युद्ध स्मारक’क स्थापना कयल गेल छल। एहि युद्धमे मातृभूमिक रक्षामे सर्वोच्च बलिदान देनिहार लोकक स्मृतिमे कारगिल युद्ध स्मारकक स्थापना कयल गेल अछि। ई द्रासमे अछि। खास बात ई अछि जे एहि स्मारकमे पाकिस्तानी सेनाक बंकर सेहो अछि। देशक सबसँ ठण्डा क्षेत्रमे स्थित एहि स्मारकक भ्रमण केकरो लेल एकटा बढ़िया अनुभव भऽ सकैत अछि। द्रास एकटा एहन क्षेत्र अछि जतय जाड़मे तापमान -३५ डिग्री सेल्सियस आ कखनो काल एहूसँ कम रहैत अछि।
ई स्मारक युद्धमे मारल गेल ५०० सँ बेसी भारतीय सैनिककेँ समर्पित अछि। ऊँच पर्वत शिखरक पृष्ठभूमिमे मुख्य श्रद्धांजलि स्थल पर निरन्तर बहैत हवासँ ऊँच लहराइत तिरंगा संगहि २४ घण्टा धरि जरैत रहैत अमर ज्योतिक लौ वीरगति प्राप्त सैनिकसभक सम्मानमे एकटा जीवन्त दृश्य बनबैत अछि। स्मारकक बाम कातमे कारगिल समरमे वीरगति प्राप्त सैनिकसभक नाम आ अन्य विवरण लिखल शिलालेख अछि। स्मारकक विजय पथक दुनू कात नायकक आवक्ष प्रतिमा अछि जे दुश्मन सैनिकसभकेँ अपन भूमिसँ भगाबय लेल पराक्रम देखौलनि।