वित्त-अर्थ

भारतक जीडीपी २०४७ धरि पहुंचत ३० ट्रिलियन डॉलर पर : पाॅल मैरिएट

मुम्बई

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क्लाउड सॉफ्टवेयर कंपनी एसएपी केर एशिया प्रशांत जापानक अध्यक्ष पॉल मैरिएट सोमदिन कहलनि जे एकटा स्थिर आ दूरदर्शी नेतृत्व, युवा प्रतिभा आबादी, बढ़ैत कृत्रिम बुद्धिमत्ता आ स्टार्टअप समुदाय, आ व्यवसायसभमे नवाचार भारतक सकल घरेलू उत्पाद अर्थात जीडीपी २०४७ धरि ३० ट्रिलियन डॉलर (३० ट्रिलियन डॉलर) धरि पहुँचि जाएत।

एहि बातपर जोर दैत जे २०४७ धरि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीक ‘विकसित भारत’क लक्ष्यकेँ प्राप्त करबाक लेल देशक “अतुल्यसँ अनिवार्य” धरिक यात्राकेँ आवश्यक बतबैत कम्पनीक शीर्ष कार्यकारी कहलनि जे भारत दुनियाक सबसँ तेजीसँ बढ़ैत आ तेसर सबसँ पैघ डिजिटलकृत अर्थव्यवस्था अछि।

मैरिएट एतय एकटा कम्पनीक कार्यक्रममे कहलनि, “उत्कृष्ट राजनीतिक नेतृत्वक सङ्ग हम विभिन्न प्रकारक व्यवसायमे जाहि तरहक नवाचार देखि रहल छी, ओहिसँ भारत २०४७ धरि ३० ट्रिलियन डॉलरक अपन जीडीपी लक्ष्यकेँ प्राप्त कऽ सकैत अछि, जे एखन सँ १० गुना बेसी अछि।”

ओ एहि बातपर जोर देलनि जे देशक व्यवसायकेँ जेनरेटिव ए.आई.क लाभ उठबैत अपन पैमाना बढ़ेबाक चाही। एआई केर युगमे हम व्यवसायसभकेँ अत्याधुनिक तकनीकसँ लैस करबाक लेल भारतमे भारी निवेश कऽ रहल छी।”

कंपनी भारतीय व्यवसायकेँ तीन प्रमुख क्षेत्रमे समाधान प्रदान कऽ रहल अछि : आपूर्ति श्रृंखलाकेँ इंटेलिजेंट आ टिकाऊ बनाबय लेल, बिजनेस एआई केर सङ्ग नवाचारक लेल आ एसएमई (लघु आ मध्यम उद्यम)क माध्यमसँ देशक विकासमे योगदान देबय लेल।

भारतीय उपमहाद्वीपक एसएपीक अध्यक्ष आ प्रबंध निदेशक मनीष प्रसाद कहलनि जे भारतक ६० प्रतिशत जीडीपी कतौह ने कतौह एसएपीसँ जुड़ल अछि। ओ कहलनि, “जतय धरि समावेशी विकासक सवाल अछि, भारतमे हमर ८० प्रतिशत ग्राहक लघु आ मध्यम उद्यमसँ छथि, जे भविष्यक विकासक आधार अछि।”

जर्मन कम्पनीक विदेशमे सभसँ पैघ आर एंड डी केंद्र सेहो भारतेमे अछि।

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