चलैत चलू चलैत चलू अनवरत आगाँ बढै़त चलू” मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक समस्त अभियानी केर पुनर्जागृति, अभिप्रेरण एवं प्रोत्साहन लेल प्रेषित एहि संदेशक संग शनि दिन पटना केर जय प्रकाश नगरमे अमरनाथ मंदिर रोड पर, बिहार आर्ट गैलेरी केर समीप उग्राद्या रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर केर मुख्यालयमे शुरू भेल मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक विचार गोष्ठी।
मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम द्वारा आयोजित आओर मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक एकटा समर्पित अभियानी डॉ. विनय कर्ण द्वारा संयोजित एहि विचार गोष्ठीक मुख्य अतिथि राष्ट्रीय मैथिली दैनिक ‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश’ केर सम्पादक एवं मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम केर प्रमुख पं. अजयनाथ झा शास्त्री छलाह।
कार्यक्रम केर औपचारिक शुरुआतसँ पूर्व गणेश वंदना, भगवतीक स्तुति एवं दीप प्रज्ज्वलित कएल गेल।
आगंतुक एवं अभियानी सभसौं पारस्परिक परिचयसौं कार्यक्रमक शुभारम्भ भेल। विचार गोष्ठीमे उपस्थित सभक स्वागत करैत डॉ. विनय कर्ण मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान केर सफलता, राष्ट्रीय मैथिली दैनिक मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश केर प्रकाशनक चारि वर्षक यात्रा आओर आब मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम केर निर्माणक सन्दर्भमे अपन सर्वस्व निछावर कऽ केँ अहर्निश तन- मन- धनसँ समर्पित गुरूजी पं. अजय नाथ झा शास्त्रीक कठोर संघर्ष, अद्भुत जीवटता तथा अदम्य साहस केर भूरि भूरि प्रशंसा कयलन्हि। संगहि मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम केर आगाँ बढे़बा एवं एकरा गति प्रदान करबामे अपेक्षित सहयोगक दृष्टिसँ मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानी सभमे आएल शिथिलता पर चिंता सेहो व्यक्त कयलन्हि।
विचार गोष्ठीमे उपस्थित मुख्य अतिथि पं. अजय नाथ झा शास्त्री कहलन्हि जे हम सभ मिथिला मैथिली तऽ करै छी, किन्तु केवल सतही तौर पर नहि बल्कि ओकरा जड़िसँ मज़बूत करs केर चाही। विद्यागारा कहाय वाला मिथिला क्षेत्रक अपन लिपि आई विलुप्त लिपि केर श्रेणीमे आबि गेल छल। एहि पर हमरहि सभकेँ गंभीरतासँ आगुओ ध्यान देबय पड़त। मैथिली भाषाक राजकीय उपेक्षासौं आहत एवं खिन्न गुरूजी मैथिली भाषाक उन्नयन केर उपाय सुझवैत कहलन्हि जे ‘बच्चाके जौं नेनपनसँ मैथिली आ मिथिलाक्षर लिपि केर पढ़ाओल – सिखाओल जाय तखनहि एकर जीवन संभव आ भविष्य सुरक्षित भऽ सकत। एहि लेल मिथिला क्षेत्रक सभ विद्यालयमे प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा मैथिलीमे पढौ़नी सुनिश्चित भेनाय अपेक्षित किंवा अपरिहार्य अछि। आई मैथिली भाषामे विधान सभा एवं लोक सभामे माननीय सदस्य द्वारा शपथ लेल जा रहल अछि। वकील मैथिलीमे वकालत कऽ रहल छैथ। न्यायाधीश तक एकर उपयोग कऽ रहल छथि। मैथिली भाषामे संविधान सेहो अनूदित भऽ चुकल अछि। लेकिन तइयो अखनहु अपन मातृभाषाक प्रति आम जनतामे जे हीन भावना बाँचल अछि ओ दूर होय केर चाही। हमरा सबके इ नहि बिसरबाक चाही – ज्ञान तखनहि सफल होइत अछि जखन कि ओकर उपयोग होय।”
एहि उद्देश्यसँ मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम सब बाधाक सामना करैत आगाँ बढ़ि रहल अछि। मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानसँ हजारों लोक मिथिलाक्षर सीख चुकल छथि आओर लाखों लोक तक एकर पहुँच भऽ चुकल अछि। एक बेर जौं सब अभियानी अपन एकता आ शक्तिक परिचय दैत एहि अभियान केर सक्रिय सहयोग दऽ दै जाइथ तऽ असंभव प्रतीत होइ वला काज निश्चित सफल भऽ जेतै।
विचार गोष्ठीमे उपस्थित मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानक विभिन्न बैच केर अभियानी सभ सेहो अपन अपन विचार एवं सुझाव सभक समक्ष रखलन्हि।
फोरम केर विभिन्न गतिविधि एवं प्रकल्प एवं योजना सभक संग मिथिलाक अस्मितासँ आबद्ध “मिथिलाक पहिचान मिथिलाक्षर निशान” केर महत्व पर सेहो गुरूजी अपन विचारसौं सभकें अवगत करौलन्हि।
गुरूजीक ओजस्वी वक्तव्य, दृढ़ निश्चय, अद्भुत संघर्ष गाथासौं उपस्थित अभियानी सभ अत्यन्त प्रभावित, प्रेरित एवं अनुप्राणित भेलैथ।
एहि अवसर पर मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानी तथा बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ग्रामीण विकास पदाधिकारी केर रूपमे चयनित एवं एसडीओ केर रुपमे पदस्थापित राहुल कुमार कर्ण केर हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन कएल गेल। संगहि मिथिलाक परम्परानुसार हुनका पुष्प माल, पाग एवं दोपटासौं सम्मानित कएल गेलन्हि।
गोष्ठीक समापनसँ पूर्व उग्राद्या रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर केर तरफसौं सभकें भेंट स्वरुप लेखन सामग्री प्रदान कएल गेलन्हि। अंतमे प्रायोजक संस्था गैर सरकारी सामाजिक संस्था ‘उग्राद्या’, ‘उग्राद्या रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर’, ‘साईं चित्रांगन प्राइवेट लिमिटेड’ आओर ‘बिहार आर्ट गैलरी’ केर तरफसँ सुमित सौरभ द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कएल गेल।
गोष्ठी केर समाप्तिक पश्चात् गुरूजी समेत सभ गोटाय मिथिलाक्षर साक्षरता अभियानी अमृता शाम्भवी केर बिहार आर्ट गैलरीमे उपलब्ध मिथिलाक शुभ संस्कार एवं पाबनि तिहार, मिथिला पेंटिंगसँ सुसज्जित वस्तुजातक अवलोकन करैत अत्यन्त प्रसन्न भेलाह।