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पाकिस्तान ट्रंपकेँ नोबेल पुरस्कार लेल कयलक नामित, ट्रंप कहलनि ‘हम किछु करु, हमरा नहि भेटत’

नई दिल्ली
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पाकिस्तान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एकटा पोस्टमे कहलक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंपकेँ २०२६ मे नोबेल शांति पुरस्कार ‘हालक भारत-पाकिस्तान संकटक दौरान हुनक निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप आ महत्वपूर्ण नेतृत्व’ लेल भेटबाक चाही।

ट्रंप बेर-बेर द्वंद्वकेँ कम करयमे अहम भूमिका निभाबय केर श्रेय लेलनि, भले भारतीय अधिकारी केर बीच असहमत होय। ट्रंपसँ शुक्रदिन नोबेल केर बारेमे पूछल गेल, जकरा बाद हुनका पाकिस्तानक तरफसँ नोबेल पुरस्कार लेल नामित कयल गेल।

ट्रंप कहलनि, हुनका ई पुरस्कार बहुत कारणसँ देबाक चाहि, जाहिमे भारत आ पाकिस्तानक बीच तनाव कम करय आ संधिक व्यवस्था करय केर काज सेहो शामिल अछी। ओ कहलनि, सोमदिन कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य आ रवांडा केर बीच दुश्मनी खतम करयकेँ समझौता पर हस्ताक्षर कयल जायत। प्रेसिडेंट कहलनि, हमरा चारि-पांच बेर भेटबाक चाहैत छल। “मुदा ओ सभ हमरा नोबेल शांति पुरस्कार नहि देबय बला छथि, किएक त’ ओ सभ मात्र उदारवादीकेँ दैत छथि।

ट्रंप कहलनि, भारत आ पाकिस्तानक बीच वा रूस-यूक्रेन आ इजरायल-ईरान संघर्षमे युद्ध रोकय केर कोशिश लेल हुनका नोबेल शांति पुरस्कार नहि भेटत। शुक्रदिन अपन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर एकटा पोस्टमे ट्रंप कहलनि, हम चाहे जे किछु करी, हम कहियो नोबेल शांति पुरस्कार नहि जीतब। अमेरिकी राष्ट्रपति अपन पोस्टक शुरुआत ई कहैत शुरू कयलनि, हमरा ई घोषणा करैत बेसी खुशी भऽ रहल अछी जे” ओ आ विदेश सचिव मार्को रूबियो कांगो आ रवांडा केर बीच संघर्ष रोकय लेल एगो “अद्भुत” संधि करा रहल छी। ई संघर्ष “कोनो भी युद्धसँ बेसी हिंसक, खून-खराबा आ मौतक कारणसँ जानल जाइत छल” आ दशकों धरि चलल।

ट्रंप एहि बातक जिक्र कयलनि कि रवांडा आ कांगो केर प्रतिनिधि सोमदिन वाशिंगटन एताह आ एहि संबंधमे दस्तावेज पर हस्ताक्षर करताह। ओ एकरा “अफ्रीका आ पूरा दुनिया लेल एकटा पैघ दिन” कहलनि। हालांकि ट्रंप कहलनि, हुनका अपन कोनो प्रयास लेल नोबेल शांति पुरस्कार नहि भेटत। ट्रंप कहलनि, एहि लेल सेहो हमरा नोबेल शांति पुरस्कार नहि भेटत। भारत आ पाकिस्तानक बीच युद्धकेँ रोकय लेल हमरा नोबेल शांति पुरस्कार नहि भेटत, सर्बिया आ कोसोवो केर बीचक युद्ध रोकय लेल नोबेल शांति पुरस्कार नहि भेटत।” ट्रंप कतेको बेर दावा कयलनि कि अमेरिका भारत आ पाकिस्तानक बीच मध्यस्थता कय संघर्ष रोकि देलक।

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