जनसरोकार

एमपीपीएफ केर सांगठनिक ईकाईक ‘धरोहर आजीवन सदस्य’क भेल ऑनलाइन बैसार

मधुबनी समदिया
*

भाषा-लिपि आ संस्कृति संरक्षण, शत-प्रतिशत शिक्षाक प्रयास एवं क्षेत्रीय अस्तित्वक रक्षार्थ सेक्शन आठमे रजिस्टर्ड एकटा विशाल मंचक परिकल्पना अछि ‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम’। एकर बहुउद्देशीय लोक कल्याणकारी लक्ष्यक पूर्ति हेतु एकटा ‘सांगठनिक ईकाई’क गठन भेल अछि। एहि सांगठनिक ईकाईक त्वरित विस्तार हेतु प्रारंभमे एक हजार आजीवन सदस्यकेँ विशेष महत्व आ सुविधा प्रदानक संग ‘धरोहर आजीवन सदस्य’क रुपमे सम्मिलित करय केर प्रावधान राखल गेल अछि। एही धरोहर आजीवन सदस्यक एकटा ऑनलाइन बैसार बुधकेँ भेल आ बहुत रास विन्दु पर चर्चा भेल, बहुत रास विन्दु धरोहर आजीवन सदस्य सभ द्वारा सुझाओल गेल, जाहि पर विचार कय आगू शिघ्र एकटा समीक्षात्मक बैसार कय योग्य विन्दु सभकेँ पारित कय संगहि संग कृयान्वयनक प्रयासमे लागय केर निर्णय लेल जायत।

मैपुप्र समदियाक ‘धरोहर आजीवन सदस्य’क जिज्ञासाकेँ धरोहर आजीवन सदस्य नरेश दास विस्तृत रुपसँ जानकारी देलनि, जे एहि प्रकारसँ अछि :-

मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम केर सांगठनिक ईकाईक ‘धरोहर’ आजीवन सदस्यकेँ किछु चिरकालिक सुविधा ओ लाभ एहि तरहे अछि :-

०१) ‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम’ एकटा जनहितक सेक्शन आठमे रजिस्टर्ड फोरम अछि, फलतः एकर प्राथमिक एक हजार आजीवन सदस्य स्वतंत्रता सेनानी सदृश प्राथमिकतामे रहथिन, हुनका संग हुनकर संतान ओ आगुक पीढ़ी पर्यंतकेँ बात जनकल्याणकारी योजनामे सुनल जयतनि।

०२) ईकाईक सांगठनिक चुनावमे प्रत्येक आजीवन सदस्यकेँ मताधिकारक दर्जा प्राप्त रहतनि।

०३) ई प्राथमिक आजीवन सदस्यता राशिक महत्व एकटा ‘धरोहर राशि’क समान रहत, अर्थात एहि राशिक लेल विभिन्न तरहक लाभ भेटैत रहत, तथापि ई जीवन्त रहत। आगूक होबयवाला महाबैसारमे धरोहर आजीवन सदस्य सभसँ कोनो शुल्क नहिं लेल जायत, एहिना आगुक अनेकानेक फोरम केर माध्यमसँ तरह-तरह प्रकारक जनोपयोगी योजनामे फोरमक आजीवन सदस्य सभकेँ प्राथमिकता रहतनि प्रायः निःशुल्क।

०४) सभसँ पैघ लाभ जे एहि फोरमक उद्देश्य मिथिलाक स्थान-मान-सम्मानक पुनः प्राप्ति आ चातुर्दिक कल्याण ओ संरक्षक क्षेत्र बनाबय केर अछि, ताहि केर लेल फोरमक ई प्राथमिक आजीवन सदस्य सभ सदा केर लेल इतिहासमे अंकित रहथिन।

०५) आगू अनेक एहेन अवसर आओत जाहिमे ई आजीवन सदस्य सभ अपना आपकेँ धन्य बुझथिन जे एहि फोरमक सदस्य बनलौंह।

०६) निष्कर्ष ई बुझि सकैत छी जे जीवन भरिक कयल गेल एखनि तकक आ भविष्यक सभ काज ओ खर्चमे ई काज आ खर्च सर्वोच्चक गिनतीमे रहत।

०७) फोरम द्वारा सहयोग राशिक रशीद, सदस्यता प्रमाणपत्र आदि प्रेषित कयल जाइत अछि ।

बैसारमे जे बिन्दु सभ राखल गेल, ताहिमे किछु मुख्य बिन्दु अछि :-

०१) सांगठनिक ईकाईक विस्तारक लेल सदस्य सभ अपन संपर्कमे ‘धरोहर आजीवन सदस्य’क बारेमे जानकारी दैथ आ संगहि ईहो बताबैथ जे शुरुआतक मात्र एक हजार आजीवन सदस्य ‘धरोहर आजीवन सदस्य’क रुपमे अंकित हेथिन।

०२) ई सांगठनिक ईकाईक सदस्य कियो कतौहसँ रहि सकैत छथि, ग्लोबल सदस्यता अभियान रहत आ सभ सदस्य सभक मार्गदर्शन ओ कार्ययोजनाक लेल ऑनलाइन बैसार लगातार आवश्यकता अनुसार श्रृंखलामे होइत रहत।

०३) अन्तोगत्वा काज सभटा प्रायः धरातले पर हेतै, तऽ ताहि लेल पंचायत, प्रखंड ओ जिलास्तरीय संगठनक निर्माण एवं संगहि संग पटल पर काजक सिलसिला चलैत रहय केर उदाहरण प्रस्तुत कयल जाए।

०४) शुरुआतमे भाषायी परिसीमन, प्राथमिक वर्गमे पढ़ौनीक माध्यम मैथिली, ‘मिथिलाक पहिचान मिथिलाक्षर निशान’, संस्कृति संरक्षण एवं शत-प्रतिशत शिक्षा, ई पंचसूत्रीय अभियान पर ध्यान केंद्रित करबाक विचार प्रस्तुत कयल गेल।

०५) मिथिलावासीकेँ ई बुझाओल जाय जे “ई फोरम एकटा सिस्टम अछि, लीकसँ हटि कऽ समस्त मिथिलावासीक लेल एकटा व्यवस्था अछि, एकर डोर सभगोटे एकटा सकारात्मक सोचक संग पकड़ू, ई किनको व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाक पुरक नहिं अछि आ नहिं एहिमे प्रायः किनको महत्वाकांक्षा टकरायत, एकर सबलता मिथिला-मैथिलीक लेल काज करयवाला सभक लेल बलदायी सिद्ध होएत, ई सबल होएत तऽ सभकेँ संरक्षण प्रदान करत सभ तरहसँ। एकर सांगठनिक ईकाई बस एकर सिस्टम लेल छैक, व्यवस्था लेल छैक, एकरा वर्तमान संगठन सभक श्रेणीमे नहिं राखि, बल्कि सभक लेल बल प्रदान करयवाला जानल जा सकैछ, अर्थात एकरा एकटा मार्गदर्शक ओ संरक्षण प्रदान करयवाला उपक्रम कहि सकैत छी।” एहि तरहक भाव सार्वजनिक रूपसँ बताओल जाय, एहि बिन्दु पर विशेष चर्चा भेल।

चर्चामे वक्ताक रुपमे नरेश कुमार दास, संतोष कुमार झा, गोपाल कुमार झा, मनीष कुमार ठाकुर, दीपक आनंद, अजय नाथ झा शास्त्री आदि छलथि।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *