केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मंगलदिन लोकसभामे ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पेश कयलनि। एहि विधेयकक पेश भेलाक बाद संसदमे जोरदार हंगामा भेल। विपक्षी सांसद लोकनि एहि विधेयककेँ लोकतंत्रक विरुद्ध बतौलनि। एहि सबहक बीच लोकसभामे एहि विधेयककेँ मंजूरी देबाक लेल मतदान कयल गेल।
कुल २६९ सांसद ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयकक समर्थनमे मतदान कयलनि, जखन कि १९८ सांसद एहि विधेयकक विरुद्ध मतदान कयलनि। एहि विधेयककेँ स्वीकार करबाक लेल इलेक्ट्रॉनिक प्रणालीक माध्यमसँ मतदान कयल गेल।
कांग्रेस, सपा आ एनसीपी मांग कयलक जे विधेयक जेपीसीकेँ पठाओल जाय।
आब एहि विधेयककेँ विचारक लेल संसदक संयुक्त समितिकेँ पठाओल जायत।
कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी, शिवसेना, उद्धव गुट सहित कतेको विपक्षी दल लोकसभामे एहि विधेयककेँ पेश करबाक विरोध कयलक। समाजवादी पार्टीक सांसद धर्मेन्द्र यादव कहलनि, जे ८ राज्यमे एक सङ्ग विधानसभा चुनाव नहि करा सकल ओ पूरा देशमे एक सङ्ग चुनाव करबाक बात करैत अछि।
ओतहि टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी कहलनि जे ई विधेयक संविधानक मूल भावनाक विरुद्ध अछि।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई कहलनि, “हम एहि विधेयकक कड़ा शब्दमे विरोध करैत छी। एहि विधेयकक माध्यमसँ राष्ट्रपतिकेँ बेसी शक्ति देल गेल अछि जे आब ओ ८२ए द्वारा विधानसभाकेँ भंग कऽ सकैत छथि। ई अतिरिक्त शक्ति राष्ट्रपतिक सङ्ग-सङ्ग निर्वाचन आयोगकेँ सेहो देल गेल अछि। २०१४ केर चुनावमे ३७०० करोड़ खर्च भेल छल, एकरा लेल ओ सभ असंवैधानिक कानून अनने छथि। संविधानमे लिखल अछि जे पाँच सालक कार्यकालसँ खेलवाड़ नहि करबाक चाही। एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक पूरा भारतमे चुनावकेँ प्रभावित करत, हम एहेन नहि होबय देब। हम एकर विरोध करैत छी। ई विधेयक जेपीसीकेँ भेजल जाए।”
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयकक समर्थन कयलक। चन्द्रबाबू नायडूक पार्टीक सांसद चन्द्रशेखर कहलनि जे एक सङ्ग चुनाव कयलासँ देशक पाइक बचत होयत। जँ एक सङ्ग चुनाव होइत अछि तँ लगभग ४० प्रतिशत खर्चक बचत होयत। तहिना हर पार्टीक पाइ सेहो बचत।