शुक्रदिन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मुम्बईमे न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा देलक। आरबीआई कहलक जे ई प्रतिबंध ताबत धरि लागू रहत जाबत धरि बैंकक स्थितिमे सुधार नहि भऽ जायत। न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक घोटाला मामिलामे अदालत हितेश मेहता आ धर्मेश पोनकेँ २१ फरवरी धरि पुलिस हिरासतमे पठा देलक अछि। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक घोटाला मामिलामे आरोपी सभकेँ गिरफ्तार कयलक जाहिमे १२२ करोड़ रूपया सम्मिलित छल। जाँचमे पता चलल जे धर्मेश एहि मामिलामे गबन कयल गेल १२२ करोड़ टाकामे सँ ७० करोड़ रुपया लेने छलाह। आर्थिक अपराध शाखाक अनुसार, मुख्य आरोपी महाप्रबंधक हितेश मेहता धर्मेशकेँ मई आ दिसंबर २०२४ मे १.७५ करोड़ रुपया आ जनवरी २०२५ मे ५० लाख रुपया देने छलाह। एहि मामिलामे पुलिस शनिदिन व्यापक पूछताछक बाद हितेश मेहताकेँ गिरफ्तार कयलक।
ईओडब्ल्यू अधिकारीक अनुसार बैंक धोखाधड़ी मामिलाक आरोपी उन्नाथन अरुणाचलम उर्फ अरुणभाई फरार अछि। दुनू खोज जारी अछि। उल्लेखनीय अछि जे हितेश मेहता शनिदिन सम्मनक जबाबमे ईओडब्ल्यू कार्यालयमे उपस्थित भेल छलाह। लम्बा पूछताछक बाद हुनका गिरफ्तार कऽ लेल गेल। ईओडब्ल्यूक डीसीपी मंगेश शिंदे शनिदिन कहलनि जे न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंकक कार्यवाहक सीईओ देवऋषि द्वारा शिशिर कुमार घोष आ हितेश मेहताक खिलाफ मुंबईक दादर पुलिस स्टेशनमे शिकायत दर्ज कयने छलाह। मेहता पर बैंकसँ 122 करोड़ रुपयाक गबनक आरोप अछि।
घोष द्वारा दायर प्राथमिकीमे आरोप लगाओल गेल अछि जे महाप्रबंधक हितेश मेहता आ हुनकर किछु सहयोगी बैंकसँ १२२ करोड़ टाकाक गबन करबाक षड्यंत्र रचलनि। महाप्रबंधक अपन सहयोगीक संग मिलीभगत कऽ एहि धोखाधड़ीकेँ अंजाम देबाक लेल अपन पदक दुरुपयोग कयलनि। आरोपीक खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के धारा 316 (5) आ 61 (2)क तहत एफआईआर दर्ज कैल गेल अछि। एहि मामिलाक जाँच मुम्बईमे ईओडब्ल्यूकेँ सौंपल गेल अछि।