मधुबनी जिलामे २०० योजना संचालित अछि। एहिमे प्रतिदिन औसतन ४५० सs ५५० मजदूर काज करैत छथि। हुनका ९० दिनसँ मजदूरी नहि भेटल अछि। उल्लेखनीय अछि जे वित्तीय वर्ष २०२४-२५ मे १६ नवम्बर २०२४ तक १ लाख २३ हजार २१७ मजदूरकेँ रोजगार देल गेल छल। जाहिमेसँ ४३५९ श्रमिकक भुगतान लंबित अछि। समय पर मजदूरी नहि भेटलाक कारण सक्रिय श्रमिकक संख्यामे कमी आबि रहल अछि। जँ मजदूरसभकेँ जल्दिये वेतन नहि देल जायत तँ हुनका कठिन स्थितिक सामना करय पड़त।
यद्यपि मनरेगा दिहाड़ी मजदूरक लेल बहुत सार्थक साबित भऽ रहल छल, मुदा समय पर मजदूरी नहि भेटलाक कारण मजदूरकेँ अपन परिवारक पालन-पोषण करबामे बहुत कठिनाईक सामना करय पड़ि रहल अछि। सरकारक देरीक कारण मनरेगा योजनामे काज करय वला मजदूरकेँ पिछला कतेको महीनासँ मजदूरी नहि भेटल अछि। धनक अभावमे मजदूर सभकेँ आइ-काल्हि एक-एक पाइक लेल बेचैन रहय पड़ैत अछि। सरकार द्वारा एहि देरीक कारण मनरेगा मजदूरी पर निर्भर परिवार बहुत संकटमे अछि।
जिलामे मनरेगाक लगभग ३,००० योजना चलाओल जा रहल अछि। महत्वपूर्ण योजना बागवानी योजना, सिंचाई, नाली, सड़क, पिन, पोखरि जीर्णोद्धार, खेल मैदान आदि अछि। सैकड़ो मजदूर एहि महत्वपूर्ण योजनामे काज कयने छथि आ हुनका आइ-काल्हि मजदूरीक लेल सरकारसँ धन जारी होयबाक प्रतीक्षा करय पड़ैत अछि। जँ हम आँकड़ा लेब तऽ मनरेगाक अन्तर्गत प्रति पंचायत कमसँ कम ५० श्रमिक औसतन काज करैत छथि। हुनकालोकनिक रोजी-रोटीक एकमात्र साधन मनरेगामे मजदूरी अछि। ओ सभ काजक बाद मजदूरी तकैत छथि। समय-समय पर केन्द्र सरकार पंचायतक बजटक अनुसार मनरेगाक अन्तर्गत धनक आवंटन करैत अछि। एहि लेल मजदूर सभ आइ-काल्हि आर्थिक संकटक सामना कऽ रहल अछि।
मनरेगाक पंजीकृत श्रमिकक बहुत रास आवश्यक काज नहि भऽ रहल अछि। मजदूर अपन मजदूरी लेबाक लेल कतेको सप्ताहसँ प्रतीक्षा कऽ रहल छथि। ग्रामीण क्षेत्रक बहुत रास लोक पहिनेसँ काजक खोजमे शहर चलि गेल छथि। आब स्थिति एहेन अछि कि जे घरमे रहि मनरेगाक अन्तर्गत काज करैत छलाह हुनका सेहो बिना मजदूरीक रहबामे कठिनाईक सामना करय पड़ि रहल अछि। एहि कारणेँ ओ सभ सेहो काजक खोजमे गाम छोड़ि रहल छथि। गामसँ लोकक पलायन सामान्य भऽ गेल अछि।
मनरेगाक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अशोक कुमार राय कहलनि जे मनरेगा श्रमिकक लंबित मजूरीक भुगतान जल्दिये कयल जायत। पीओकेँ निर्देश देल गेल अछि जे ओ बेसीसँ बेसी गाममे मजदूरकेँ रोजगार उपलब्ध कराबय।