पूर्वमे सेहो पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी मिथिला राज्यक मांगक समर्थन करैत मुद्दा उठेने छलथि, मुदा तकरा किछु गोटे कटाक्षमे उठाओल मुद्दा कहलनि, मुदा पुनः राबरी देवी सदनमे मिथिला राज्यक मांगक समर्थन करैत मुद्दा उठा ई सिद्ध कऽ देलनि जे ओ तखनौंह गंभीर छलीह आ एखनौंह गंभीर छथि, सदने टा नहिं बल्कि बाहर मिडियासँ बात करैत सेहो अपन बातकेँ दोहरौलनि। राबड़ी देवीक एहि डेगसँ मिथिलावासीमे हर्षक माहौल अछि आ चौतरफा सराहल जा रहल अछि। राबड़ी देवीक ई मास्टर स्ट्रोक मिथिलावासीमे हुनका प्रति आदर बढ़ा देलक अछि।
सदनमे राबड़ी देवी अचानक कहलखिन जे जखनि केंद्र आ राज्य दुनू ठाम भाजपाक सरकार अछि तखन मैथिली भाषी जनताकेँ आब अलग मिथिला राज्यक मांग पूरा करय केर चाही। पहिने हुनक वक्तव्यकेँ सदस्य लोकनि व्यंग्य मानैत छलथि, मुदा जखन ओ विधानसभाक बाहर सेहो एकरा दोहरौलनि तऽ राजनीति गरमा गेल अछि।
भेल ई जे भारतक संविधानकेँ अपनयबाक ७५म वर्षगाँठक अवसर पर एकटा विशेष सिक्का आ डाक टिकट जारी कयल गेल। संविधानक प्रति संस्कृत आ मैथिली भाषामे सेहो प्रस्तुत कयल गेल। एहि आयोजनक दौरान दूटा महत्वपूर्ण पुस्तक ‘भारतीय संविधान का निर्माण: एक झलक’ आ ‘भारतीय संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा’क विमोचन कयल गेल। दिल्लीमे जतय मैथिलीमे संविधानक पोथी प्रस्तुत भेल, पटनामे एहि पर राजनीतिक हलचल शुरू भऽ गेल।
वास्तवमे बिहारक पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी एहि अवसर पर फेरसँ अलग मिथिला राज्यक मांग उठौलनि। ई मुद्दा तखनि गर्म भऽ गेल जखनि भाजपा एमएलसी हरि सहनी बिहार विधान परिषदमे कहलनि जे केन्द्रक नरेन्द्र मोदी सरकार मिथिला क्षेत्रकेँ एकटा पैघ उपहार देलक अछि। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयीक कार्यकालक उल्लेख करैत ओ कहलनि जे तखनि मैथिली भाषाकेँ संविधानक आठम अनुसूचीमे जोड़ल गेल। आब ओ मैथिलीमे संविधानक प्रस्तुतिकेँ मिथिलाकेँ सम्मानक रूपमे देखलनि।
एहिपर राबड़ी देवी अचानक कहलनि जे जखनि केंद्र आ राज्य दुनू ठाम भाजपाक सरकार अछि तखनि मैथिली भाषी लोककेँ आब अलग मिथिला राज्यक माँग पूरा करबाक चाही। पहिने हुनक वक्तव्यकेँ सदस्य लोकनि फेरसँ व्यंग्य मानलनि, मुदा जखनि ओ विधानसभाक बाहर एकरा मिडियामे दोहराबैत कहलीह तखनि गंभीर चर्चा शुरू भऽ गेल। हुनक बयान वास्तवमे राज्यक राजनीतिमे हलचल आनि देलक अछि।
अलग मिथिला राज्यक माँग नव नहि अछि, ई देशक स्वतन्त्रतासँ पहिने केर अछि। १९१२ मे जखनि बिहारकेँ बंगालसँ अलग कयल गेल तखने मिथिलाकेँ अलग राज्य बनयबाक माँग उठल छल। स्वतन्त्रताक बादो ई माँग समय-समय पर गति पकड़ैत रहल। विशेष रूपसँ जखनि झारखण्डकेँ बिहारसँ अलग कयल गेल, तखनि मिथिला राज्यक लेल आन्दोलन बेसी तीव्र भऽ गेल। तहियासँ पटनासँ दिल्ली धरि एहि मुद्दा पर कतेको प्रदर्शन भेल अछि।