उत्तर प्रदेशक विभिन्न बजारमे होलीक उत्सवक भावना देखबामे अबैत अछि। एहि बेर एकटा नव प्रवृत्ति सबहक ध्यान आकर्षित कऽ रहल अछि। एतय ‘मेक इन इंडिया’क प्रभाव स्पष्ट रूपसँ देखबामे आबि रहल अछि। जखनि कि पछिला सालमे चीनी वस्तुक वर्चस्व छल, मुदा एहि बेर स्वदेशी उत्पादक बिक्रीमे उल्लेखनीय वृद्धि भेल अछि।
होलीक बजारमे सदिखन मास्कक माँग रहैत अछि। मुदा, एहि बेर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीक मास्कक बिक्री सभकेँ आश्चर्यचकित कऽ देलक अछि। दोकानदारक कहब अछि जे एहि बेर मोदी मास्कक मांग बहुत बेसी अछि। हर साल बॉलीवुड आ राजनीतिक व्यक्तित्वक मुखौटा बाजारमे अबैत अछि। मुदा एहि बेर मोदी मास्कक बिक्री सबसँ बेसी अछि।
डॉ. अमित गुप्ता कहैत छथि जे सभ साल होली पर लोक रासायनिक रंगक प्रयोग करैत छलथि, जकर त्वचा आ स्वास्थ्य पर खराब प्रभाव पड़ि सकैत अछि। एहि बेर लोक जड़ी-बूटी रङ्ग आ गुलालकेँ प्राथमिकता दऽ रहल छथि। “रासायनिक रङ्ग त्वचा आ आँखिकेँ हानि पहुँचा सकैत अछि, जखनि कि हर्बल रङ्ग सुरक्षित अछि आ शरीरकेँ ठण्डा सेहो कऽ सकैत अछि। हमरा सभकेँ सदिखन प्राकृतिक गुलाल आ हर्बल रंगक प्रयोग करबाक चाही।”
व्यापारीक कहब छनि जे ‘मेक इन इंडिया’ अभियानक सकारात्मक प्रभाव आब बाजारमे देखबामे आबि रहल अछि। पहिने सस्ता दामक कारण चीनी सामान बेसी बेचल जाइत छल, मुदा आब स्वदेशी उत्पादक गुणवत्ताक कारण लोक ओकरा प्राथमिकता दऽ रहल छथि। एहि होलीमे जतय पर्यावरणक ध्यान राखल जा रहल अछि, ओतहि ‘मेक इन इंडिया’क प्रभावसँ स्वदेशी वस्तुक बिक्री सेहो बढ़ि रहल अछि।