भारत सरकारक ‘मेक इन इंडिया’ पर जोर देबाक कारणेँ देशक रक्षा बजारमे वित्त वर्ष २०१४ सँ वित्त वर्ष २०३० धरि १४ प्रतिशतक चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) सँ बढ़बाक आशा अछि। ई जानकारी निवेश फर्म जेफरीज द्वारा देल गेल।
रिपोर्टमे कहल गेल अछि जे वैश्विक स्तर पर बढ़ैत तनाव आ सरकार द्वारा रक्षा क्षेत्रक स्थानीयकरण पर जोर देबाक कारण, भारतीय रक्षा कम्पनीसभक लेल अवसर बढ़ि रहल अछि।
जेफरीज रिपोर्टमे कहलनि जे भारत सरकार एक दिसि रक्षाक स्थानीयकरण पर जोर दऽ रहल अछि। दोसर दिसि, रक्षा उपकरणक निर्यातकेँ सेहो प्रोत्साहित कयल जा रहल अछि। एहिसँ रक्षा क्षेत्रमे ऑर्डर इनफ्लो बढ़त।
वित्त वर्ष २०२४ सँ वित्त वर्ष २०३०क बीच भारत रक्षा पर खर्च दुगुना कऽ सकैत अछि। एहन स्थितिमे रक्षा कम्पनीसभक शेयरमे वृद्धि जारी रहि सकैत अछि।
रक्षा कम्पनीसभकेँ अगिला ५-६ सालमे भारतीय बजारमे ९०-१०० अरब डॉलरक अवसर भेटत। २०२२ मे रक्षा पर भारतक खर्च अमेरिकाक खर्चक १० प्रतिशत आ चीनक खर्चक २७ प्रतिशत छल।
भारत रक्षा उपकरणक दुनियाक दोसर सभसँ पैघ आयातक अछि। दुनियाक कुल हथियार आयातमे भारतक हिस्सेदारी ९ प्रतिशत अछि। रिपोर्टमे आगू कहल गेल अछि जे रक्षा निर्यात पर सरकारक जोरक कारण, वित्त वर्ष २०२४ आ वित्त वर्ष २०३०क बीच रक्षा उपकरणक निर्यात १८ प्रतिशतक सीएजीआरसँ बढ़ि सकैत अछि।
वित्त वर्ष २०१७ सँ वित्त वर्ष २०२४ केर बीच भारतक रक्षा निर्यात १४ गुना बढ़ि कऽ २.६ अरब डॉलर भऽ गेल अछि।