समग्र सहयोगक चाहतमे यद्यपि सदिखन बाट तकैत अछि।
गति भलेही धीरे होय रहि-रहि कऽ इतिहास गढ़ैत अछि।।
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मधुबनी समदिया
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‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश’क नव प्रयोगात्मक पहल ‘टटका महत्वपूर्ण समाचार बुलेटिन’ आइ बृहस्पति, १७ जुलाई २०२५ केँ अपन एक सय प्रस्तुति पूरा कयलक। एहि उपलब्धि पर अजय नाथ झा शास्त्री अपन उद्गार व्यक्त करैत सभगोटेकेँ अभिनंदन कयलनि अछि -:
समग्र सहयोगक चाहतमे यद्यपि सदिखन बाट तकैत अछि।
गति भलेही धीरे होय रहि-रहि कऽ इतिहास गढ़ैत अछि।
हँ, आइसँ किछु मास पहिने मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश मैथिलीक खजाना भरय लेल पुनः एकटा नव प्रयोग ‘टटका महत्वपूर्ण समाचार बुलेटिन’ शुरू कयने छल, आइ देखिते-देखिते तकर एक सय बुलेटिन पूरि गेल आ आजुक बुलेटिन ‘शतकीय बुलेटिन अछि।’ एहि बीच एकटा एहने सन आर शुभ समाचार भेटल जे १५ जुलाई २०२५ सँ डीडी बिहार सेहो मैथिलीमे समाचार बुलेटिन शुरू कयलक, जे निश्चित रुपसँ अभिनंदनीय पहल अछि, एकसँ अनेक भेला पर मैथिलीक खजानामे वृद्धिये हेतैक।
‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश’क समाचार बुलेटिनक किछु बुझनुक श्रोता द्वारा अभिनंदनीय सराहना प्राप्त भेल आ खास कऽ एकरा प्रस्तुति करयवाला सुमित सौरभक आवाजक विशेष सरहाना भेटल आ संगहि किनको-किनको इहो जिज्ञासा छलनि जे सुमित सौरभकेँ समाचार प्रेषित करैत देखाओल जाय। तऽ तिनका सभकेँ धन्यवाद दैत जनतब देबय चाहैत छी जे सुमित सौरभ आकाशवाणी पटना बिहारक एंकर छथि आ खास कऽ हिनका वाचन कलामे महारत प्राप्त छनि। हिनकर समाचार वाचनक छटा आकर्षक अछि आ सुननाहरकेँ निश्चित रुपसँ एक बेर ध्यान आकृष्ट करैत अछि। तय मानकक अनुसार एखनि प्रत्यक्ष उपस्थित भऽ समाचार वाचनक निर्णय नहिं भेल छैक, मुदा समाचार बुलेटिनक शतकीय सफलता पर एक सय एकम बुलेटिन अर्थात शुक्र, १८ जुलाई २०२५ केर बुलेटिनमे प्रत्यक्ष उपस्थितक नियार भेल अछि।
पुनर्जागरणक अर्थे होइछ फेरसँ जगायब, तऽ ताहि पथ पर स्वाभाविक छैक जे जाधरि लोक जागत नहिं ताधरि समग्र सहयोगक कमी रहतै, उपचारक क्रममे संयम आ सहनशीलताक संग निरंतरता राखब आवश्यक छैक, आ ताहि केर अनुपालनसँ जागरण भऽ रहल अछि आ से देखाइयो रहल अछि, आइ गुगल सेहो प्रयास पर प्रयास करैत प्रचुर मैथिलीक डाटाक संकलनक कारण मैथिली सिखि लेलक, यद्यपि एखनो प्रायः सत्तर प्रतिशत धरि सिखलक अछि, मुदा तेजीसँ दिन-प्रतिदिन सुधार करैत पुरा सिखि लेत, कारण ग्रहण करय केर अद्भुत शक्ति गुगलमे अछि, तथापि शब्दक स्थान उल्टा-पुल्टा राखि एखनो अर्थक अनर्थ कऽ दैत छैक, एतेक जल्दी मैथिली बुझि जाएत से कोना संभव छैक, खैर तथापि सुधारात्मक प्रक्रियामे बहुत सहयोग करय लागल अछि खास कऽ मैथिली अनुवादमे, तऽ सभटा मैथिलीक प्रचूरताक कारण संभव भेलै, मैथिलीक खजाना जतेक भरैत जाएत सभटा संभव होइत जाएत। कहय केर अर्थ जे समग्र जागरण होइते परस्पर सहयोगात्मक पहल सेहो सहजहिं होबय लागत।
एहि शतकीय बुलेटिन पर मिथिलावासीसँ विशेष आग्रह करय चाहब जे मात्र चारि-पाँच मिनटक समाचार बुलेटिन रहैत अछि, अपन संतान सभकेँ खास कऽ सुनाबय केर अवश्य हिस्सक लगाउ, एकर चमत्कारीक परिणाम तत्कालसँ बहुत आगूओ तक हेतै, शुरुआतमे जे मोन-मस्तिष्कमे घर कऽ जाइत छैक से स्वाभिमान बनि संरक्षित भऽ जाइत छैक आ समय अयला पर कोनो असाधारण सकारात्मक परिणाम प्रस्तुत कऽ देल जाइत छैक।
जतेक गोटे ई समाचार बुलेटिन सुनैत छी, आगू बढ़बैत छी, शेयर करैत छी, लाइक आ काॅमेंट करैत छी आ विशेषतः ओ मैथिलीक समूह सभ जे एकरा अपन समूहमे स्थान दैत छी आ मैथिलीक प्रति अपन अद्भुत वास्तविक स्वाभिमानक परिचय दैत छी तिनका सभगोटेकेँ अशेष धन्यवाद, अभिनंदन, आभार। संगहि संग जगैत समस्त मिथिलावासीकेँ सेहो धन्यवाद, आभार एवं अभिनंदन। एहि समाचार बुलेटिनक समस्त टीमकेँ अभिनंदन।
‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश’क नव प्रयोगात्मक पहल ‘महत्वपूर्ण समाचार बुलेटिन’क शतकीय प्रस्तुति पर सभगोटेकेँ पुनः पुनः अभिनंदन।