शनिदिन संत शिरोमणि बाबा कारु खिरहरि मंदिर परिसरमे भगवान शिवकेँ गुरू आ शिष्यत्व पर शिव चर्चाक आयोजन कयल गेल। जाहिमे शिव शिष्य भाई परमेश्वर कहलनि जे भगवान शिवकेँ शिष्यत्व अर्पित कय शिव शिष्यक सांसारिक आ पारलौकिक इच्छा स्वतः पूरा भऽ रहल अछि। जाहिमे लिखल गेल छल जे जगत गुरु भगवान शिवक शिष्य बनब आदि गुरु शिवकेँ प्रणाम करब अहाँ केर शिवक परम शिष्य बना दैत अछि, हम परीक्षा कयने छी, अहाँ सेहो शिष्य भऽ कऽ परीक्षा करू। शिवक एक शिष्य कहलनि जे तहियासँ आइ धरि साहेब श्री हरिन्द्रानंद जी केर संकल्पक रूपमे संवाद संग लोकक बीच जाय लगलाह आ कहय लगलाह जे शिव हमर गुरु छथि, ओ अहाँक सेहो भऽ सकैत छथि। भगवान् शिव गुरुक महत्व ई अछि जे शिवक शिष्य बनि शिष्यक भावक विकास करबाक चाही। ओ कहला कि भगवान शिव सत्ययुग, त्रेता, द्वापरमेे गुरुक रूपमे कार्यरत छथि। वर्तमान कलियुगमे अपन शिष्य पर दयालु रहैत अछि। ओ कहलनि जे साहेब श्री हरिन्द्रानंद जी द्वारा देल गेल पहिल सूत्र हे शिव, अहाँ हमर गुरु छी, हमर एहि शब्दक गहराईमे प्रवेश कए अहाँ सेहो रहबाक अनुभव कऽ सकैत छी। एक शिष्य भगवान शिवकेँ अपन जीवनमे जहियासँ साहेब श्री गुरु रूपसँ जुड़बाक लेल आह्वान कयलनि तहियासँ महिला सशक्तिकरण संग प्रचार-प्रसार, संगहि अस्पृश्यता सेहो समाप्त भेल। संगहि आध्यात्मिक चेतनाक विकास भेल। भगवान शिवक शिष्यत्व आ शिष्यत्व भावना केर मजबूत करय लेल साहेब श्री केर तीन गोट सूत्र देल अछि। जँ अहां ओकरा करैत रहब तखन अहां केर अधलाह कर्म दिसि प्रेरित नहिं हैएब।
एहि अवसर पर अंजनी ठाकुर, नीतीश, अंजली, सिकंदर, जे सुपौलसँ पहुँचल छलाह। शशि यादव सहरसा, डोमी राम, ओमप्रकाश वर्मा, नीलम, नेहा, रीता, मनोज, गुलशन, बिमल, चुना झा, गिरवार चंद सेहो कार्यक्रमकेँ संबोधित कयलनि।