जनसरोकार

विधान परिषद सदस्य डाॅ मदन मोहन झा (कांग्रेस) केँ सौंपल गेल मिथिला-मैथिलीसँ संबंधित १५ सूत्री ज्ञापन

मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम’क तीन सदस्यीय टीमक संग कयलनि भेंटवार्ता
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पटना समदिया
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डाॅ मदन मोहन झा जे वर्तमानमे
विधान परिषद सदस्य (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस), पुर्व अध्यक्ष बिहार प्रदेश कांग्रेस आ पुर्व मंत्री छथि, तिनकासँ तिनकर पटना स्थित आवास पर ‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम’क तीन सदस्यीय टीम भेंट कऽ भेंटवार्ता कयलक एवं मिथिला मैथिलीसँ संबंधित १५ सूत्री ज्ञापन हुनका सौंपलक। ओ ज्ञापनक सभ विन्दुकेँ सराहना करैत एकर समाधानक लेल अपन प्रयासक आश्वासन देलनि। हुनका एकटा आर ज्ञापन देल गेल जाहिमे ‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम’क गतिविधिक जानकारी छल, तकरो ओ सराहना करैत कहलनि जे ई काज सभ जड़ि अछि आ फोरम ई बहुत निक काज कऽ रहल अछि, एहिमे हमरासँ जे होएत से हम करब।

आगू एकटा भेंटवार्ता भेल, जाहिमे मुख्य रुपसँ ज्ञापनक महत्वपूर्ण तीन टा विंदु पर अजय नाथ झा शास्त्री द्वारा सीधा चर्चा भेल। शास्त्री सभसँ पहिने डाॅ मदन मोहन झा द्वारा मिथिला-मैथिली लेल कयल गेल काज सभ आ ताहि केर आवाज बनि सरकार धरि पहुँचाबय लेल हुनका धन्यवाद देलखिन आ प्रथम सभसँ आवश्यक विंदु नव राष्ट्रीय शिक्षा निति २०२० केर तहत विद्यालयक प्राथमिक वर्गमे अनिवार्य रुपसँ स्थानीय भाषाक माध्यमसँ पढ़ौनी हेतु मिथिला क्षेत्रक विद्यालय सभक प्राथमिक वर्गक पढ़ौनीक माध्यम मैथिली शिघ्र होय ताहि लेल प्रश्न कयलनि।

एहि पर डाॅ मदन मोहन झा कहलनि, “सरकारक एकदम सही निति छै, भाषक प्रचार-प्रसार आ सुदृढ़ीकरण तखने हेतै जखनि प्राथमिक स्तरसँ मातृभाषामे पढ़ाई हेतै, किएक तऽ ज्ञानक वैऽह फर्स्ट पाठशाला छै, हम बुझै छी एहि लेल प्रयास हेबाक चाही, आ जखनि सभ जगह होइत छैक मिथिला तऽ बहुत महत्वपूर्ण जगह छैक, सबसँ बेसी बाजयवाला मैथिलीक लोक छथिन, ई तऽ नहिं छैक जे मैथिली ब्राह्मणेक मात्र भाषा छै, मिथिलामे जे छथि सभ मैथिल छथि आ मैथिली बाजैत छथि। प्रचार प्रसार हेबाक चाही, आ एहि लेल हम सरकारमे निश्चित प्रयास करब।”

पुनः दोसर मुख्य विंदु पर चर्चा करैत अजय नाथ झा शास्त्री कहलनि, “अपने प्रयास कयनेहो छियै, मैथिली भाषाकेँ शास्त्रीय दर्जा भेटब रूका गेल, तऽ ताहि लेल प्रयास हेबाक चाही ?

एहि पर डाॅ मदन मोहन झा कहलनि, “विधान परिषदमे हम ई बात उठेने छी, आ दू माध्यमसँ दू बेर उठेने छी, दुनू माध्यमसँ माननीय मंत्री जबाब देलथि जे हम अनुशंसा कयने छी आ ताहि पर यथाशीघ्र कारवाई होएत, ओ चाहैत छलाह जे फेर बादोमे बात कय ओहि पर की प्रगति भेलै ताहि पर विमर्श होय लेकिन से नहिं भऽ सकलै, पता नहिं कतय गड़बड़ी भेलै, हम माननीय मंत्रीक आश्वासन वाला कागज लऽ फेर हम हाउस केर पास मंत्रीसँ भेंट करबनि आ की प्रगति भेलै से बात करब। ओना ज्ञात अछि जे एहि ठामसँ भेजलखिन मुदा सेंट्रल गवर्नमेंटमे पोजिटिव रुख नहिं भेलै।”

एहि पर अजय नाथ झा टोकैत कहलखिन – ओना राज्ये सरकारसँ विलंब भेले आ जखनि मिथिलावासी जोरदार आवाज उठेलाह तखनि राज्य सरकार एकर प्रस्ताव भेजलक ?

ताहि पर मदन मोहन झा कहलनि, “दू बेर अनुशंसा हाउसमे कऽ चुकल छी, हाउसमे हमरा कहलथि, हम पुनः प्रयास करब।”

पुनः तेसर मुख्य विंदु अजय नाथ झा शास्त्री मिथिलाक्षर लेल कहलखिन जे ओना विलुप्तप्राय भेल मिथिलाक्षरकेँ ‘मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान’ पुनः व्यवहार पथ पर आनि देलक अछि आ आइ मिथिलाक्षरक पहुंच दसो लाख मिथिलावासी धरि अछि, मुदा जा धरि विद्यालयमे एकरा सिखाबय केर काज शुरू नहिं होएत ताधरि ई पूर्ण रुपसँ व्यवहामे नहिं आओत आ एकटा अति प्राचीन भाषा मैथिलीक अति प्राचीन लिपि मिथिलाक्षर जँ अपन अस्तित्व गमा देलक तऽ एहि अमूल्य धरोहरक नोकसान नहिं मात्र मिथिलावासी बल्कि देशक लेल सेहो दुखदाई होएत। तऽ एहि लेल प्रयास अहांक माध्यमसँ हेबाक चाही ?

एहि पर मदन मोहन झा कहलनि, “निश्चित हेतै, हमरा याद अछि जे हम दस नंबरक मिथिलाक्षर पढ़ैत छलौंह, ओहो रुकि गेलै, हम तकरो प्रयास करब।”

पुनः धन्यवाद दैत शास्त्री कहलनि जे ‘ई तीनटा विंदु उठबियौ ,अहाँसँ बहुत अपेक्षा अछि, अहां मिथिला मैथिलीक हमेशा हितचिंतक रहलियै।’ ताहि पर मदन मोहन झा कहलनि जे, “हमर पितोजी मैथिलीमे प्रोफेसर छलथि, हमर जड़िये मैथिली अछि, अहाँसँ पहिल बेर भेंट भेल रहय ताहीमे हम प्रभावित भेल रही, हमर पुरा समर्थन रहत।”

तीन सदस्यीय टीममे अजय नाथ झा शास्त्री, डाॅ विनय कर्ण एवं सुमित सम्मलित छलथि।

ज्ञापनमे १५ सूत्री विंदु एहि प्रकारसँ छल :-

०१) नव राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० केर स्पष्ट निर्देश अछि जे ‘प्राथमिक वर्गमे पढ़ौनीक माध्यम स्थानीय भाषा अनिवार्य रुपसँ होय, अतः तत्काल प्रभावसँ मिथिला क्षेत्रक प्राथमिक वर्गमे पढ़ौनीक माध्यम मैथिली भाषा अविलंब शुरू होए आ एहि लेल आवश्यक पठन सामग्री, शिक्षक आदि उपलब्ध कराबैत निर्देशित कयल जाए।

०२) मैथिली भाषाकेँ शास्त्रीय भाषाक दर्जा शिघ्र भेटय।

०३) मैथिली पत्र-पत्रिका, समाचार पत्र आदिकेँ अन्य भाषाक भांति सहयोग भेटय आ सरकारी उपक्रम एवं संरक्षणमे प्राथमिकता रहय।

०४) मैथिलीकेँ प्रथम भाषाक दर्जा : ग्रियर्सनक भाषायी आधार पर एखनुक ३८ जिलावाला बिहारमे २४ जिला मैथिली भाषी क्षेत्र अछि फलतः लोकतांत्रिक व्यवस्थामे बिहारमे मैथिलीकेँ प्रथम आधिकारिक भाषाक दर्जा प्राप्त होय।

०५) अति प्राचीन लिपिसँ समृद्ध मैथिली भाषाक मिथिलाक्षर लिपिक अभ्यास विद्यालयक प्राथमिक वर्गमे आरंभ होय।

०६) सरकारी सार्वजनिक स्थान आदिक बोर्ड, सरकारी बैनर-पोस्टर आदिमे मिथिलाक्षरक स्थान सेहो रहय से सुनिश्चित कयल जाए।

०७) ग्रियर्सन द्वारा भाषायी आधार पर निर्धारित मिथिला क्षेत्रक परिसीमनक मान्यता भेटय आ तकर आधिकारिक घोषणा होय।

०८) क्षेत्रमे शत-प्रतिशत शिक्षा सुनिश्चित करय केर व्यवस्था होय।

०९) सांस्कृतिक संरक्षणक लेल जनजागरणक उपाय कयल जाए आ संबंधित कार्य करनाहरकेँ सरकारी सहयोग भेटय।

१०) अनावश्यक पलायन रोकय लेल प्रचार, उद्यम एवं उपाय होय।

११) बाढ़िक समस्याक स्थायी समाधानक प्रयास होय आ तहिना रौदी भेला पर पटौनी आदिक लेल जलक श्रोत निकालल जाए एवं उपलब्ध कराओल जाए।

१२) स्वास्थ्य, सुरक्षा, सम्यक विधि-व्यवस्था, दुरुस्त प्रशासन आ सीमा सुरक्षा एवं घुसपैठ नियंत्रण अति आवश्यक अछि, एकर समाधानक लेल वास्तविक पहल होय।

१३) बंद पड़ल मील सभ पुनः चालू होय, अन्य उद्योगक एवं रोजगार सृजनक उपाय होय ताकि पलायन रुकय।

१४) समीक्षात्मक जनसंख्या नियंत्रण लेल जागरूकता अभियान चलाओल जाए।

१५) पर्यावरण संरक्षण लेल निरंतर प्रयास आ जन-जागरूकता अभियान चलाओल जाए।

डॉ. मदन मोहन झा जीक आश्वासन स्वागतयोग्य अछि : डॉ. विनय कर्ण

बिहार विधान परिषद सदस्य माननीय डॉ. मदन मोहन झा जी सौं मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम शिष्टमण्डलक भेंट अत्यन्त सकारात्मक एवं उत्साहवर्द्धक रहल। भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस के बिहार प्रदेशक पूर्व अध्यक्ष एवं बिहार सरकारक पूर्व मंत्री डॉ. झा एकटा मिलनसार नेता त छथिए, मिथिलाक संस्कार एवं संस्कृतिक संवाहक जनप्रतिनिधि सेहो छथि। मिथिला एवं मैथिली के हिनका सौं काफी अपेक्षा छै।

मिथिला क्षेत्रक विद्यालय सभ मे प्राथमिक स्तर पर मैथिलीक पढ़ाई आरम्भ करयबाक लेल ‘मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश फोरम’ दिशि सौं सुपुर्द कएल गेल ज्ञापन कें स्वीकार करैत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस क पूर्व बिहार प्रदेश अध्यक्ष एवं वर्तमान मे बिहार विधान परिषदक सदस्य डॉ. मदन मोहन झा जी द्वारा ‘मै पु प्र फोरम’ के देल गेल सहयोगक आश्वासन स्वागतयोग्य एवं प्रशंसनीय अछि।

आशा अछि जे कॉंग्रेसक वरिष्ठ नेता यथाशीघ्र मिथिला मे प्राथमिक विद्यालय सभमे कक्षा एक से पाँच धरि मातृभाषा मैथिली मे पढ़ऊनी शुरू करेबाक लेल सार्थक प्रयास करताह। अपेक्षा अछि जे बिहार सरकारक ध्यान एहि महत्वपूर्ण विषय दिशि आकर्षित हेतै आओर निर्णायक परिणतिक तरफ सरकारक डेग बढ़तै।

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