समारोह

वामपंथी उग्रवादसँ प्रभावित लोक सबकेँ समाजक मुख्य धारासँ जोड़बाक कार्य निर्णायक दौरमे : राष्ट्रपति मुर्मू

नई दिल्ली
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमकेँ रायपुरमे छत्तीसगढ़ विधानसभाक रजत जयंती समारोहमे शामिल भेलथि। संबोधनक शुरुआत ‘जय जोहार’सँ भेल। राष्ट्रपति कहलनि जे छत्तीसगढ़ राज्यमे लोकतंत्रक एहि उत्सवमे अहाँ सभक संग रहि कऽ हमरा बहुत प्रसन्नता भऽ रहल अछि। छत्तीसगढ़ राज्यक स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी केर असाधारण मार्गदर्शनमे सम्पन्न भेल छल।

ओ कहलीह जे एहि अवसर पर हम सभ हुनका प्रति आभार व्यक्त करैत छी आ हुनकर सम्मानमे सादर नमन करैत छी। अहाँ सभक बीच आबि कऽ हमरा ओडिशा विधानसभामे विधायकक रूपमे अपन समयक याद ताजा भऽ गेल अछि। हम अपन अनुभवसँ ई कहि सकैत छी जे विधायकक जिम्मेदारी निभायब, जन-सेवा केर भावनासँ प्रेरित व्यक्ति लेल बड़ सौभाग्यक बात होइत अछि। विधानसभा, राज्यक निवासीक आकांक्षाक व्यक्त करैत अछि आ हुनका कार्यरूप दैत अछि। विधानसभा राज्यक संस्कृतिसँ प्रभावित भऽ सकैत अछि आ एकर दिशा सेहो दैत अछि।

रजत जयंती वर्ष समारोह अंतर्गत विधानसभाकेँ सम्बोधित करैत राष्ट्रपति मुर्मू कहलथि जे वामपंथी उग्रवादसँ प्रभावित लोककेँ समाज केर मुख्य धारासँ जोड़बाक काज अंतिम आ निर्णायक दौरमे पहुँचि गेल अछि। छत्तीसगढ़क नक्सल प्रभावित क्षेत्रक लोक विकासक मार्ग पर आगाँ बढ़ए चाहैत छथि। विश्वास अछि जे छत्तीसगढ़केँ उग्रवादसँ पूर्णतया मुक्त करबाक प्रयासमे अहाँ सभ शीघ्र सफलता प्राप्त करब आ राज्यक इतिहासमे एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ब।

एहि अवसर पर राष्ट्रपति कहलनि जे छत्तीसगढ़ विधानसभा लोकतांत्रिक परंपराक सर्वोच्च मानदंड स्थापित कएने अछि। छत्तीसगढ़ विधानसभा सदनक कार्यवाहीक दौरान वेलमे आबैवला सदस्यक स्वतः निलंबन लेल एक असाधारण नियम बनौने अछि आ एकर पालन कएल गेल अछि। हमरा ई जानि खुशी भेल जे विगत 25 वर्षक दौरान ई विधानसभामे कहियो मार्शल केर उपयोग नहि कएल गेल। छत्तीसगढ़ विधानसभा केवल देशक लेल नहि बल्कि विश्वक सभ लोकतांत्रिक प्रणालीक समक्ष उत्कृष्ट संसदीय आचरणक एकटा अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत कएने अछि।

राष्ट्रपति महिला विधायक सभसँ सभ महिलाक समर्थन करबाक आग्रह कएलनि। ओ कहलनि जे जखनि ओ विभिन्न क्षेत्रमे काज करयबाली महिलाकेँ प्रोत्साहित करब तखनि सबहक ध्यान ओहि महिलाक दिसि जायत आ हुनकर विकाशक मार्ग प्रशस्त होयत। चाहे ओ शिक्षक होय वा अधिकारी, समाजसेवी होय वा उद्यमी, वैज्ञानिक होय वा कलाकार, मजदूर होय वा किसान, प्रायः हमर बहिन सभ दिन-प्रतिदिनक घरेलू जिम्मेदारी पूरा करैत आ कठिन संघर्ष करैत बाहरी दुनियामे अपन स्थान बनाबैत छथि। जखनि सब महिलाएक-दोसरकेँ सशक्त बनाओत, तखनि हमर समाज आओर मजबूत आ संवेदनशील बनत।

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