भारत केर अगिला मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) लेल न्यायमूर्ति भूषण आर गवई केर नामक सिफारिश कयल गेल अछि। सर्वोच्च न्यायालय एहि सिफारिशकेँ विधि मंत्रालयकेँ पठा देलक अछि। प्रस्ताव वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा देल गेल अछि। ओ 13 मईकेँ सेवानिवृत्त होयबाला छथि।
परंपराक अनुसार, वर्तमान सीजेआई अपन उत्तराधिकारीक रूपमे सबसँ वरिष्ठ न्यायाधीशक सिफारिश करैत छथि। जस्टिस गवई वरिष्ठताक क्रममे सबसँ आगाँ छथि, जाहि कारण हुनकर नामक सिफारिश कयल गेल अछि। जनतब जे एहिसँ पहिने कानून मंत्रालय सीजेआई जस्टिस खन्नासँ हुनकर उत्तराधिकारीक नाम लेल विशिष्ट अपील कय चुकल अछि। जस्टिस गवईक नाम पर जँ मोहर लगैत अछि तँ ओ देशक 52म मुख्य न्यायाधीश हेताह। ओ 14 मईकेँ सीजेआई पदक शपथ लय सकैत छथि।
मुदा जस्टिस गवईक कार्यकाल मात्र छह मासक होएत कारण ओ नवंबर 2025 मे रिटायर होबएबला छथि। जस्टिस गवई केँ 24 मई 2019 मे सुप्रीम कोर्टमे जज नियुक्त कएल गेल छलथि।
जस्टिस गवई’क जन्म २४ नवम्बर १९६० केँ महाराष्ट्रक अमरावतीमे भेल। जस्टिस गवई’क पिता दिवंगत आरएस गवई सेहो एकटा प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता आ बिहार एवं केरलक पूर्व राज्यपाल रहथि। जस्टिस गवई अपन वकालत करियरक शुरुआत २००३ मे बॉम्बे उच्च न्यायालयमे एडिशनल जजक रूपमे कएलनि। तकर बाद २००५ मे हुनका स्थायी जज नियुक्त कएल गेल। जस्टिस गवई १५ वर्ष तक मुंबई, नागपुर, औरंगाबाद आ पणजीक पीठमे अपन सेवा देलनि। जस्टिस गवईक नाम पर जँ मोहर लागैत अछि तँ ओ देशक दोसर अनुसूचित जातिसँ संबंध रखनिहार मुख्य न्यायाधीश हेताह। हुनकासँ पहिने जस्टिस केजी बालाकृष्णन २०१० मे ई उपलब्धि हासिल कय चुकल छथि।