अपराध

झारखंड पुलिसक साइबर अपराधी पर सर्जिकल स्ट्राइक, ११ महीनामे १,१०० गिरफ्तार

राँची
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झारखंड पुलिस प्रतिबिंब नामक मोबाइल एपक माध्यमसँ साइबर अपराधीसभ पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कऽ रहल अछि। पछिला दस मासक भीतर पुलिस राज्यक विभिन्न क्षेत्रसँ ११००सँ बेसी साइबर अपराधीकेँ गिरफ्तार कयलक अछि। ई ऐप साइबर अपराधमे उपयोग कयल जा रहल मोबाइल फोनक नहिं मात्र पहिचान कय लैत अछि, बल्कि रियल टाइम लोकेशन सेहो दैत अछि आ एकर मदतिसँ पुलिस साइबर अपराधीसभक ठिकानापर छापा मारैत अछि। आब एहि एपक उपयोग आन राज्यक पुलिस सेहो कऽ रहल अछि।

झारखण्ड पुलिसकेँ एहि तकनीकक लेल मंगलदिन नई दिल्लीमे केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाहक हाथसँ आयोजित एकटा कार्यक्रममे सम्मानित कयल गेल। झारखण्डक डीजीपी अनुराग गुप्ता आ ऐप डेवलपर गुंजन कुमार केन्द्रीय गृह मंत्रालयक अधीन साइबर नियंत्रण संगठन आई४सी द्वारा आयोजित एकटा कार्यक्रममे ई पुरस्कार ग्रहण कयलनि।

ई एप ७ नवंबर, २०२३ केँ शुरू कयल गेल छल। तहियासँ पुलिस साइबर अपराधीक ठिकाना पर लगातार सर्जिकल स्ट्राइक कऽ रहल अछि। एकर माध्यमसँ पुलिस साइबर धोखाधड़ीमे प्रयुक्त मोबाइल नंबरक पता लगा कऽ ओकर अड्डा पर पहुँचैत अछि। झारखण्डमे दिसम्बर २०२३सँ साइबर अपराधक २४१ प्राथमिकी दर्ज कयल गेल अछि, जखन कि ११००सँ बेसी साइबर अपराधीकेँ गिरफ्तार कयल गेल अछि। २३४२ मोबाइल आ ३४४९ सिम कार्ड जब्त कएल गेल अछि।

झारखण्डमे पिछला ढाई सालमे पुलिस साइबर अपराधीक बैंक खातामे जमा लगभग १५.८० करोड़ रुपया पर सेहो रोक लगा देलक अछि। ठगी कयल गेल पैघ संख्यामे लोकसभकेँ सेहो पाइ घुरा देल गेल अछि।

झारखण्ड सीआईडीक एकटा अधिकारी कहलनि जे ई ऐप साइबर अपराधक जामताड़ा मॉड्यूलक विरुद्ध बहुत प्रभावी हथियार साबित भेल अछि। एहि एपक परीक्षणक दौरान पता चलल जे देशक अलग-अलग राज्यमे प्रतिदिन अढ़ाईसँ तीन हजार साइबर अपराधी मोबाइल पर सक्रिय रहैत अछि। आब साइबर अपराधीक गतिविधिक मैपिंग एपक माध्यमसँ तत्काल सम्बन्धित जिलाक पुलिसकेँ पठाओल जा रहल अछि।

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