संयुक्त राष्ट्रमे भाजपाक वरिष्ठ नेता सुधांशु त्रिवेदी स्पष्ट रूपसँ कहलनि जे “जम्मू आ कश्मीर भारतक अभिन्न अंग बनल रहत। एहिसँ पहिने संयुक्त राष्ट्र शान्ति अभियानपर चर्चाक क्रममे पाकिस्तानक प्रतिनिधि कश्मीरक उल्लेख कयने छल।
पाकिस्तानी प्रतिनिधि कहने छलथि जे संयुक्त राष्ट्र शान्ति सैनिकक सङ्ग पाकिस्तानक जुड़ाव तखनि शुरू भेल जखनि संयुक्त राष्ट्र १९४८ मे जम्मू-कश्मीरक विवादित क्षेत्रमे शान्ति सैनिककेँ तैनात कयलक।
त्रिवेदी एहि सन्दर्भकेँ “अनुचित” बतौलनि आ कहलनि जे पाकिस्तान “एक बेर फेर एहि प्रतिष्ठित संस्थानकेँ अपन एजेण्डासँ भटकाबय केर प्रयास कयलक।”
अपन आरओआर (उत्तर देबाक अधिकार)क प्रयोग करैत राज्यसभा सांसद कहलनि, “केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर भारतक अभिन्न अंग छल, अछि आ रहत। ओ एहि क्षेत्रमे हालमे कयल गेल लोकतांत्रिक काजक उल्लेख कयलनि।
त्रिवेदी कहलनि, “जम्मू-कश्मीरक जनता हालहिमे अपन लोकतांत्रिक आ चुनावी अधिकारक प्रयोग कयलक अछि आ एकटा नव सरकार चुनलक अछि। पाकिस्तानकेँ एहेन बयानबाजी आ झूठसँ परहेज करबाक चाही कियैक तँ एहिसँ तथ्य नहि बदलत।”
एहि मामिलाकेँ आगाँ नहि घसीटैत आ चर्चाक विषयसँ दूर नहि बढ़ैत त्रिवेदी कहलनि, “एहि मंचक अन्य सदस्यक सम्मानक कारण, भारत संयुक्त राष्ट्र प्रक्रियाक दुरुपयोग करबाक पाकिस्तान द्वारा कयल गेल कोनो प्रयासक जवाब देबासँ परहेज करत।”
अपन एक्स हैंडल पर सांसद आगू कहलनि जे चूँकि जम्मू-कश्मीर हालहिमे संसद आ जम्मू-कश्मीर दुनू विधानसभाक लेल उचित लोकतांत्रिक चुनाव भेल अछि, तें संयुक्त राष्ट्रक प्रतिष्ठित मंचक उपयोग एहेन गैर-मौलिक आ भ्रामक शब्दक उल्लेख करबाक लेल नहि कयल जा सकैत अछि।
त्रिवेदी एक्स पर कहलनि, “ई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीक नेतृत्ववला सरकारक दृढ़ विदेश नीतिक कारण संभव भेल अछि, जे भारतकेँ अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मजबूत आ मुखर बना देलक अछि।”