वित्त-अर्थ

ब्याज दरमे आरबीआई केर कटौतीसँ घर, ऑटो आ व्यक्तिगत लोनक बढ़त माँग : बैंक

नई दिल्ली
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प्रमुख बैंक सभ बुधदिन कहलथि जे आरबीआई द्वारा ब्याज दरमे कटौती आ संगहि रुखमे सुधार एकटा त्वरित आ समय पर उठाओल गेल डेग अछि। आरबीआई केर एहि डेगसँ बाजारक वैश्विक अनिश्चितताक प्रति सहयोगात्मक बनल रहबाक आ उपभोक्ताक सशक्त बनेबाक दिशामे मार्गदर्शन भेटल अछि।

इंडियन बैंकक एमडी आ सीईओ बिनोद कुमार कहलथि जे 25 बीपीएस केर ब्याज दरमे कटौतीसँ घर, ऑटो आ व्यक्तिगत लोन केर मांग बढ़बाक संभावना अछि, विशेष कय कऽ टियर 2 आ टियर 3 बाजारमे, जतय ब्याजक प्रति संवेदनशीलता अधिक अछि।
हालक रुझानक अनुसार खुदरा ऋणमे वार्षिक आधार पर 18 प्रतिशतसँ अधिकक वृद्धि भेल अछि आ कम ब्याज दरक वातावरणसँ उपभोगमे आरो तेजी आओत। संगहि आर्थिक गतिकेँ समर्थन भेटि सकैत अछि। हुनक एकटा बयानमे कहल गेल, “इंडियन बैंक अपन ग्राहककेँ तेजी आ जिम्मेदारीसँ लाभ पहुँचाएबाक लेल पूर्ण रूपेण तत्पर अछि, जाहिसँ समावेशी ऋण वृद्धि सुनिश्चित होयत।”

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) केर अध्यक्ष सी.एस. सेट्टी केर अनुसार, समायोजन लेल रुखमे संशोधनसँ घरेलू अर्थव्यवस्था पर टैरीफ केर प्रभावकेँ कम कएल जा सकत। ओ एकटा बायानमे कहलथि, “मुद्रास्फीति पर नियंत्रण संग, वित्त वर्ष 2026 मे विकास अनिवार्यता सभ प्राथमिकता लेत।” सेट्टी आगू कहलथि जे विनियमन पक्ष पर, स्ट्रेस्ड एसेट्स लेल बाजार आधारित सिक्योरिटी फ्रेमवर्क, गोल्ड लोन पर नीति केर समीक्षा आ नॉन-फंड आधारित सुविधा समय पर अछि। ओ कहलथि, “को-लेंडिंग फ्रेमवर्क केर ढाँचा सभ संबंधित पक्ष सभकेँ व्यापक विकल्प दैत अछि।” रिजर्व बैंक केर गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​बैंक आ एनबीएफसी लेल आरबीआई केर को-लेंडिंग दिशा-निर्देश सभकेँ उदार बनाएबाक लेल एकटा प्रमुख प्रस्ताव केर घोषणा कयलथि, ताकि ओ प्राथमिकता क्षेत्र ऋणसँ पार अपन दायरा केर विस्तार क’ सकथि, जाहि पर ओ वर्तमानमे प्रतिबंधित छथि।
वर्तमान फ्रेमवर्क बैंक आ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) केर बीच साझेदारी केर कृषि, सूक्ष्म-उद्यम आ कमजोर वर्ग सभक ऋण जेकाँ प्राथमिकता क्षेत्र ऋण तक सीमित करैत अछि।

कुमारक अनुसार, समायोजनक रुखमे बदलाव भावनात्मक रूपसँ सकारात्मक अछि, जाहिसँ बेहतर लिक्विडिटी आ विकासक गुंजाइश बनैत अछि। ओ कहलथि, “एमएसएमई क्षेत्र, जे भारतक सकल घरेलू उत्पादमे लगभग 30 प्रतिशतक योगदान दैत अछि आ निर्यातमे 40 प्रतिशतसँ अधिकक योगदान दैत अछि, एहि डेगसँ लाभान्वित होयत, किएक त’ ई ऋण लागत कम करत आ नकदी प्रवाहमे सुधार करत, जे उभरैत बाजारक गतिशीलतामे सुधार आ विकास लेल महत्वपूर्ण अछि।”

हुनका इंडियन बैंकमे ऋणक जरूरत बढ़बाक आशा अछि, किएक त’ एमएसएमई एकटा महत्वपूर्ण हिस्सा अछि हुनकर ऋण पोर्टफोलियोक। ओ कहलथि, “को-लेंडिंगक दायराकेँ बढ़ेबासँ एहि क्षेत्रसभकेँ ऋण दैबयमे आर मजबूती आओत।”

एचडीएफसी बैंकक प्रमुख अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता कहलथि, “हम 2025 मे दूटा आर दरमे कमीक आशा रखैत छी, आगूक दरक कमी जूनक नीतिमे होयबक संभावना अछि।”

गुप्ता कहलथि, “लिक्विडिटीक स्थितिमे सुधार जारी अछि, जे चालू तिमाहीमे औसतन तटस्थसँ ऊपर रहबाक आशा अछि, ताहि लेल ब्याज दर सभक कमीक लाभ मुद्रा बाजार दर आ जमा दरमे सेहो बढ़बाक संभावना अछि।”

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