बाजार-व्यवसाय

भारतक खुदरा बाजार २०३४ धरि पहुँचत १९० लाख करोड़ टाका धरि

मुम्बई समदिया
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दुनियाक सबसँ तेजीसँ बढ़ैत अर्थव्यवस्था भारत २०३० धरि तेसर सबसँ पैघ सकल घरेलू उत्पाद बनि सकैत अछि। एकर संगहि देशक खपत सेहो बढ़बाक आशा अछि, जे २०३४ धरि १९० लाख करोड़ रुपया धरि पहुँचि जायत। ई जानकारी बृहस्पति दिन जारी एकटा रिपोर्टमे देल गेल छल।

बोस्टन कन्सल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) आ रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई)क रिपोर्टक अनुसार, अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाक तुलनामे देशमे खपत बहुत तेजीसँ बढ़ि रहल अछि। ई क्षेत्रक शक्ति आ गतिकेँ दर्शाबैत अछि। पछिला एक दशकमे भारतक खुदरा बाजार ३५ लाख करोड़ टाकासँ बढ़ि कऽ ८२ लाख करोड़ रुपया भऽ गेल अछि, जाहिमे ९ प्रतिशतक वार्षिक वृद्धि दर देखाओल गेल अछि।

बीसीजीक प्रबंध निदेशक आ वरिष्ठ भागीदार अभिक सिंघी कहलनि जे अगिला दशकमे एकर २०० लाख करोड़ टाका धरि पहुँचबाक आशा अछि, जाहिसँ सबकेँ नीक अवसर भेटत। २०३५ धरि खुदरा विक्रेताक लेल कतेको ट्रिलियन टाकाक कारोबार होयबाक बहुत अवसर भेटत।

अनुमान अछि जे २०३० धरि समृद्ध परिवारक संख्या तीन गुना भऽ जायत, जाहिसँ प्रीमियम आ लक्जरी खुदरा क्षेत्रमे महत्वपूर्ण अवसर उत्पन्न होयत, जखनी कि सामान्य उपभोक्ता वर्ग प्राथमिक उपभोक्ता आधार बनल रहत।

रिपोर्टमे कहल गेल अछि जे तीव्र अस्थिरताक अवधिक अछैतो एहि क्षेत्रक विकास मजबूत बनल अछि। संगठित खुदरा क्षेत्र बाजारमे अपन पैर लगातार मजबूत कऽ रहल अछि। पछिला पाँच सालमे महिलाक भागीदारी दुगुना भऽ गेल अछि, आ पुरुष एवं महिलाक बीच अन्तर कम भऽ गेल अछि। एहिसँ सौंदर्य, व्यक्तिगत देखभाल, आ फैशन सन महिला केन्द्रित श्रेणीमे वृद्धि भेल अछि।

रिपोर्टमे उल्लेख कयल गेल अछि जे जेन जेड आ सहस्राब्दी पैघ उपभोक्ता समूह अछि, जाहिसँ ओकर मूल्य आ डिजिटल-पहिल आदतिक संग संरेखित होयब आवश्यक भऽ गेल अछि। एम्हर अगिला दशकमे ४५ सँ बेसी आयु वर्ग सबसँ पैघ खंड बनि जायत, जाहिसँ उपभोक्ता स्वास्थ्य सहित कतेको नव रुझानक उदय होयत।

रिपोर्टमे संकेत देल गेल अछि जे ऑनलाइन खरीदारी ५० प्रतिशत पहुँच धरि पहुँचलाक बादो ५८ प्रतिशत लोक एखनो खरीदारी लेल पूर्ण रूपसँ ऑफलाइन तरीका पर निर्भर छथि।

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