भारत सोमदिन सीरियाक सभ पक्षसँ अल-असद शासनक पतनक बाद राष्ट्रक एकता आ अखण्डताकेँ प्राथमिकता देबाक अपील कयलक। विदेश मंत्रालय एकटा वक्तव्यमे मध्य पूर्वी देशमे बढ़ैत अशान्तिक बीच शांतिपूर्ण समाधानक आवश्यकतापर जोर देलक।
मंत्रालय कहलक, “हम सीरियाक स्थितिपर बारीकीसँ नजरि राखि रहल छी जे घटनाक्रम भऽ रहल अछि। हम एहि बातपर जोर दैत छी जे सभ पक्षकेँ सीरियाक एकता, सम्प्रभुता आ क्षेत्रीय अखण्डताक संरक्षणक लेल काज करबाक चाही।”
वक्तव्यमे “सीरियाई समाजक सभ वर्गक हित आ आकांक्षाक सम्मान करैत शांतिपूर्ण आ समावेशी सीरियाक नेतृत्ववला राजनीतिक प्रक्रिया”क आह्वान कयल गेल अछि।
विदेश मंत्रालय सीरियामे भारतीय नागरिकक सुरक्षाक सेहो उल्लेख कयलक आ आश्वासन देलक जे दमिश्क स्थित भारतीय दूतावास सुरक्षा सुनिश्चित करबाक लेल समुदायक सम्पर्कमे रहत।
जनतब जे रविदिन विद्रोही गुट सभ सीरियाक राजधानी दमिश्क पर कब्जा कऽ लेलक। राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़ि भागि गेलाह। विद्रोही लड़ाका सभ सरकारी टेलीविजन पर असद शासनक अन्तक घोषणा कयलक।
मीडिया रिपोर्टमे रूसी अधिकारीसभक हवालासँ दावा कयल गेल अछि जे अल-असद अपन परिवारक संग सीरियासँ भागि मास्को पहुँचि गेल छथि।
सीरियाक प्रधानमन्त्री मोहम्मद गाजी जलाली विद्रोहीलोकनिक दावाक किछुए समय बाद फेसबुक पर प्रकाशित एकटा वीडियोमे कहलनि जे ओ लोकसभक द्वारा चुनल गेल कोनो नेतृत्वक संग सहयोग करय लेल तैयार छथि आ नागरिकसभसँ सार्वजनिक सम्पत्तिमे तोड़फोड़ नहि करबाक आह्वान कयलनि।
५९ वर्षीय बशर अल-असद २००० मे अपन पिता हाफिज अल-असदक मृत्युक बाद सत्ता सम्हारलनि। अल-असद १९७१ सँ देशक शासन सँभारि रहल छलथि।
साल २०११ हुनकर शासन कालक सबसँ महत्वपूर्ण वर्ष छल, जखन हजारो सीरियाई लोकतंत्रक माँग करैत सड़क पर उतरि आयल मुदा हुनका सभकेँ भारी सरकारी दमनक सामना करय पड़ल। यद्यपि सरकारक विरोधमे विभिन्न सशस्त्र विद्रोही समूहक गठन भऽ गेल आ सरकारक विरोध २०१२ केर मध्य तक विद्रोह एकटा गृह युद्धमे बदलि गेल।