विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलकेँ कहलनि भुगतान आ लाॅजिस्टिक संबधी चुनौती सभक बीच भारत आ रूस २०३० वा ओहिसँ पहिने तक १०० अरब डॉलरक व्यापार लक्ष्य प्राप्त कऽ लेत। यद्यपि, एकरा बेसी संतुलित आ बेसी सुविधाजनक बनेबाक आवश्यकता अछि।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर आ रूसक उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव मंगलकेँ व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी आ सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोगक सह-अध्यक्षता कयलनि। अपन आरम्भिक टिप्पणीमे जयशंकर कहलनि जे भुगतान आ लाॅजिस्टिक केर सम्बन्धमे व्यापारमे चुनौती रहल अछि आ एहि सम्बन्धमे महत्वपूर्ण प्रगति भेल अछि मुदा एखनो किछु काज करबाक अछि।
ओ कहलनि जे भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार ६६ अरब डॉलर धरि पहुँचि गेल अछि। एकरा बेसी संतुलित आ बेसी सुविधाजनक बनेबाक जरूरत अछि। व्यवसाय करब आसान बनेबाक आवश्यकता अछि।
कनेक्टिविटीक विषय केर महत्वपूर्ण मानैत विदेश मंत्री जयशंकर कहलनि जे अन्तर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा, चेन्नई-व्लादिवोस्तोक गलियारा आ उत्तरी समुद्री मार्गकेँ बढ़यबाक लेल संयुक्त प्रयास कयल जयबाक चाही।
द्विपक्षीय व्यापारक प्रमुख क्षेत्रपर प्रकाश दैत जयशंकर कहलनि जे रूस भारतक लेल उर्वरकक एकटा प्रमुख स्रोतक रूपमे उभरल अछि। कच्चा तेल, कोइला आ यूरेनियमक आपूर्ति वास्तवमे महत्वपूर्ण अछि। तहिना भारतक फार्मास्युटिकल उद्योग रूसक लेल एकटा किफायती आ विश्वसनीय स्रोतक रूपमे उभरल अछि। हुनका विश्वास अछि जे दुनू देश २०३० धरि १०० अरब अमेरिकी डॉलरक व्यापार लक्ष्यकेँ प्राप्त कऽ लेत।