सुप्रीम कोर्ट शुक्रकेँ वक्फ कानूनक संविधानिक वैधताकेँ चुनौती देनिहार नव याचिका पर सुनवाईसँ इनकार कयलक। कोर्ट कहलक कि सभ कियो अखबारमे नाम चाहैत अछि। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई आ न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह केर पीठ तय कएलनि जे सभ लंबित मामिलकेँ सुनवाई 20 मईकेँ करब।
काल्हि शुक्रकेँ अदालतमे जखनि याचिका सुनवाई लेल आयल तँ केंद्रक दिसिसँ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता प्रस्तुत भेलाह आओर आपत्ति जतौलनि। ओ कहलनि कि कानूनकेँ चुनौती देबय वला याचिकाक अंत नै भ’ रहल अछि। एहेन याचिका दायर नै कएल जा सकैत अछि। एहि पर याचिकाकर्ताक वकील कहलनि कि ओ 8 अप्रैलकेँ याचिका दायर कयलनि। 15 अप्रैलकेँ सर्वोच्च न्यायालयसँ रजिस्ट्री द्वारा बतायल गेल खामीकेँ दूर कयल गेल, मुदा हुनकर याचिका सुनवाई केर लेल सूचीबद्ध नै कएल गेल।
एही पर मुख्य न्यायाधीश कहलनि कि सभ कियो अखबारमे अपन नाम चाहैत अछि। जखनि याचिकाकर्ताकेँ वकील पीठसँ याचिकाकेँ लंबित याचिका संग शामिल करबाक अनुरोध कयलनि तँ बेंच कहलक, हम एहि मुद्दा पर निर्णय लेब। पीठ याचिकाकेँ खारिज कए देलक। पीठ कहलक कि जँ एहेन आर याचिका सभ सुनवाई लेल आबैत अछि तऽ ओकरा खारिज कएल जायत। जखनि याचिकाकर्ताक वकील हुनकासँ लंबित याचिकामे हस्तक्षेप करबाक अनुमति देबाक मांग केलनि तँ पीठ कहलक कि हमरा लग पहिने बहुत हस्तक्षेपकर्ता छथि।
15 मईकेँ मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई आ न्यायमूर्ति मसीहक पीठ याचिका पर सुनवाई कए चुकल छल। पीठ कहने छल कि ओ 20 मईकेँ तीनटा मुद्दा पर अंतरिम निर्देश पारित करबाक लेल दलील सुनत। एहिमे अदालत द्वारा वक्फ, वक्फ बॉय यूजर वा विलेख द्वारा वक्फ घोषित संपत्तिकेँ गैर अधिसूचित करबाक शक्ति शामिल अछि।