मैथिलीक नामचीन गीतकार मणिकांत झा रचित विषहरिमणि पुस्तककें महिला लोकनि हाथों हाथ लेलनि अछि। रविदिन मिथिलाक प्रसिद्ध पाबनि मधुश्रावणी केर अवसर पर विभिन्न जगह पर मैथिली विषहारा गीतक पुस्तक विषहरिमणि हस्तगत होइते मैथिलानी लोकनिक चेहरा पर खुशीक लहरि दौड़ि गेल।
विदित होक्ष जे मणिकांत झा रचित ई पुस्तक मणिशृंखलाक 39म पुस्तक अछि। जकर विमोचन शनिदिन विद्यापति सेवा संस्थानक सभागारमे समारोह पूर्वक कयल गेल छल। एहि पुस्तकमे मधुश्रावणी पाबनिसँ संबंधित विषहरि गीत, चनाइ बाबू गीत, नचारी, महेशवाणी, गौरी पूजन गीत, पाबनि गीत सहित 48 गीत समाहित अछी जे एहि पाबनि लेल अत्यंत उपयोगी अछि।
मधुश्रावणीक अवसर पर महात्मा गाँधी शिक्षण संस्थान, दरभंंगा द्वारा प्रकाशित विषहरिमणि केर शृंखलाबद्ध लोकार्पण रवि दिन दरभंंगा जिलाक कहुआमे डा पूजा आ डा सिद्धार्थ, पोहद्दीमे शिवानी आ दीपक, मधुबनी जिलाक हिसारमे सोनम आ साकेत ओ समस्तीपुर जिलाक सोरमारमे चुलबुल आ गौरव आनंदक मधुश्रावणी पूजाक अवसर पर उल्लास पूर्वक कयल गेल। एकरा अतिरिक्त दरभंंगा जिलाक शुभंकरपुर, चतरिया आदि अनेक जगहसँ सेहो विषहरिमणि पुस्तक केर लोकार्पणक सूचना भेटि रहल अछि।
विषहरिमणिमे संकलित गीतक सामूहिक गायनसँ सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय बनल रहल। एहि संबंधमे जनतब दैत रचनाकार मणिकांत झा बतेलनि जे आम जनमानस केर इएह स्वीकृति हमरा लेखन कार्य लेल ऊर्जा प्रदान करैत अछि। ओ कहलनि जे जखनि एहेन अवसर सामने होइत अछि त’ परिश्रम सार्थक लगैत अछि। ओ बतेलनि जे एखनि हुनका लग लगभग दससँ पंद्रह पुस्तक लेल गीत तैयार अछि। अवसर अबिते ओकरा सबकें सेहो प्रकाशित करबाक प्रयास करब। विदित हो जे मणिकांत झाक लिखल पुस्तक निरंतर समाजोपयोगी सिद्ध होइत रहल अछि।