विधि-व्यवस्था

सरकार लोकसभासँ आयकर विधेयक 2025 वापस लेलक, नव संस्करण सोमदिन करत पेश

नई दिल्ली
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मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 केर जगह 13 फरवरीकेँ लोकसभामे पेश कयल गेल आयकर विधेयक 2025 केँ औपचारिक रूपसँ वापस लऽ लेल गेल अछि। एकर स्थान पर सोमदिन एकटा नव संस्करण पेश कयल जाएत।

सूत्रक अनुसार सोमदिन आयकर विधेयकक नव संस्करण संसदमे पेश कयल जाएत, जाहिमे भाजपा सांसद बैजयंत जयपांडाक नेतृत्वमे चयनित समितिक अधिकांश सिफारिशकेँ शामिल कयल जाएत।

बिल केर अलग-अलग संस्करणसँ पैदा होबयवला भ्रमसँ बचय लेल आर सब बदलावकेँ शामिल कय एकरा स्पष्ट आ अपडेट संस्करण उपलब्ध करय लेल आयकर विधेयक केर नव संस्करण पेश कयल जायत।

विधेयकक समीक्षाक जिम्मेदारी लेबयवला संसदीय चयनित समितिक अध्यक्ष पांडाक अनुसार ई नव कानून पारित भेलाक बाद भारतक दशकों पुरान कर संरचनाकेँ सरल बनाबय, कानूनी भ्रमकेँ कम करय आ व्यक्तिगत करदाता आ एमएसएमईकेँ अनावश्यक मुकदमासँ बचयमे मदद करत।

पांडा हालमे बतौलनि कि वर्तमान आयकर अधिनियम, १९६१ मे ४,००० सँ बेसी संशोधन कयल गेल अछि आ एहीमे ५ लाखसँ बेसी शब्द अछि। बहुत जटिल भऽ गेल अछि। नबका विधेयकमे एकरा लगभग 50 प्रतिशत सरल बना देल गेल अछि, जाहिसँ आम करदाताकेँ पढ़बा आ बुझबामे बहुत आसानी भऽ गेल अछि।”

ओ आगू कहलनि कि इ सरलीकरणक सबसँ पैघ लाभ छोट व्यवसाय मालिक आ एमएसएमई केर होयत, जकरा लग जटिल कर संरचनासँ निपटय लेल कानून आ वित्तीय विशेषज्ञताक कमी अछि।

ई नव उपाय प्रत्यक्ष कर केर निष्पक्ष आ न्यायसंगत प्रणाली बनाबयमे अहम भूमिका निभाबैवला अछि, ताकि देशक मजदूर आ मध्यम वर्ग पर प्रत्यक्ष कर केर कोनो अतिरिक्त बोझ नहि पड़य।

स्लैब आ दरमे व्यापक बदलाव कयल गेल अछि जाहिसँ सबटा करदाताकेँ फायदा होएत। सरकारक अनुसार एही नव संरचनासँ मध्यम वर्गक करमे काफी कमी आयत आ ओकर हाथमे बेसी पैसा छोड़ल जायत जाहिसँ घरेलू खपत, बचत आ निवेशकेँ बढ़ावा भेंटत।

वित्त अधिनियम, 2025 मे आयकर अधिनियम, 1961 केर धारा 87 ए केर तहत कर छूटक दावा करबा लेल आय सीमा 7 लाखसँ बढ़ा कय 12 लाख कय देल गेल अछि। संगहि अधिकतम छूट राशि 25 हजारसँ बढ़ाकेँ 60 हजार रुपया कय देल गेल अछि।

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