भारतीय नौसेनाकेँ 22 सिंगल-सीटर जेटक संग चारि ट्विन-सीटर वैरिएंट भेटत। भारतकेँ एकटा पैघ पैकेज भेटत जाहिमे बेड़ाक रखरखाव, लॉजिस्टिकल सपोर्ट, कर्मी सभकेँ ट्रेनिंग आ स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग कम्पोनेंटक लेल ऑफसेट दायित्व शामिल होएत।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीक अध्यक्षतामे सुरक्षा मामिलाक मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) एहेन सौदाक मंजूरी द’ चुकल अछि। राफेल मरीन जेट विमान भारतीय स्वदेशी विमानवाहक पोत पर तैनात कएल जायत आ ई समुद्रमे नौसेनाक हवाई शक्तिमे विशेष बढ़ोतरी करत। राफेल मरीन भारतमे मौजूद राफेल फाइटर जेट्ससँ बेसी उन्नत अछि। एकर इंजन बेसी ताकतवर अछि।
रिपोर्टक अनुसार राफेल मरीन लड़ाकू विमानक आपूर्ति लगभग चारि वर्षमे शुरू होयबाक अनुमान अछि। नौसेनाकेँ 2029 केर अंत धरि पहिल बैच प्राप्त होयबाक उम्मीद अछि। पूरा बेड़ा 2031 धरि शामिल हेबाक संभावना अछि। एक बेर आपूर्ति भऽ गेलाक बाद, ई जेट विमान भारतक विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य आ स्वदेशी आईएनएस विक्रांतसँ संचालित होयत, जे पुरान मिग-29 केर बेड़ाक स्थान लय लेत। डीलमे जल्दी डिलीवरी समयसीमा पर सुनिश्चित होयत आ फ्रांसीसी निर्माता डसॉल्ट एविएशनसँ रखरखावमे सहायता सेहो देल जाएत।
राफेल एम विमानवाहक-आधारित मिशनक लेल डिजाइन कएल गेल अछि। एकर मजबूत लैंडिंग गियर, अरेस्टर हुक्स आ शॉर्ट टेक-ऑफ बट अरेस्टेड रिकवरी (एसटीओबीएआर) ऑपरेशनकेँ अंजाम देबाक लेल मजबूत एयरफ्रेमक सुविधा अछि। ई एकटा ऐहेन तकनीकि अछि, जकर उपयोग नौसेनाक विमानवाहक पर विमानकेँ लॉन्च करब आ वापस आनय लेल कएल जाइत अछि।