विदेश मंत्री एस.जयशंकर काल्हि रविदिन चीनक तीन दिनक यात्रा पर निकललाह। ओ तियानजिनमे होबय वला शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) केर सदस्य देशक विदेश मंत्रीक बैसारमे भाग लेताह।
विदेश मंत्री जयशंकर अंतरराष्ट्रीय बैसारक दौरान कतेको बेर अपन चीनी समकक्षसँ भेंट कयलथि। मुदा, जून २०२० मे गलवान घाटीमे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दूनू देशक सैनिकक बीच हिंसक झड़प केर बाद द्विपक्षीय संबंधमे तनावक बाद चीनक ई हुनक पहिल यात्रा अछि।
अक्टूबर २०२४ मे रूस केर कजान शहरमे ब्रिक्स शिखर सम्मेलनक दौरान लगभग पांच साल बाद पहिल बेर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ चीन केर राष्ट्रपति शी जिनपिंग केर बीच एकटा महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैसार भेल छल।
प्रधानमंत्री मोदी कहने छलथि कि भारत-चीन संबंध केर आधार आपसी विश्वास, आपसी सम्मान आ आपसी संवेदनशीलता होयत। सकारात्मक आ स्थायी संबंध बनाबै लेल ई तीन प्रमुख बिंदुकेँ ध्यानमे रखनाई जरूरी अछि।
एकर बादसँ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आ विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री जटिल मुद्दा पर गहन चर्चा करबाक लेल बीजिंग केर दौरा कय चुकल छथि।
पिछला महीना बीजिंगमे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) केर सदस्य देशक सुरक्षा परिषद सचिवक २०म बैसारकेँ संबोधित करैत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कहलनि कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा नामित आतंकी समूह जेना कि लश्कर-ए-तैबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल कायदा, आईएसआईएस आ ओकर सहयोगी संगठनसँ जारी खतरासँ भारत गहराईसँ चिंतित अछि। ई खतरनाक आतंकी संगठन खास कऽ पाकिस्तानसँ संचालित लश्कर-ए-तैबा आ जैश-ए-मोहम्मद भारत लेल एकटा पैघ खतरा अछि।
पहलगाममे आतंकी हमला आ ओकरा बाद भारत सरकार द्वारा सीमा पार आतंकवादी बुनियादी ढाँचाकेँ भंग करय लेल शुरू कयल गेल भारत सरकारक तरफसँ चलाओल गेल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रकाश डालैत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार आतंकवादक खिलाफ लड़ाईमे दोहरा मापदंडकेँ त्यागय आ संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी सभ एवं संस्था सभक खिलाफ निर्णायक कारवाई करय केर तत्काल आवश्यकता पर बल देने छलथि।
अपन यात्राक दौरान, डोभाल चीनक कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) केर केंद्रीय समितिक राजनीतिक ब्यूरो सदस्य आ देशक विदेश मंत्री वांग यीसँ सेहो भेंट कयने छलथि।