सरकारी अधिकारी शुक्रदिन कहलनि जे भारत कोनो दबावमे वा समय सीमाक तहत व्यापार समझौता नहि करैत अछि। एकर संगहि किसान, डेयरी आ कृषि उद्योगक हितसँ समझौता करबाक कोनो गुंजाइश नहि अछि।
मामिलासँ परिचित अधिकारी केर अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एक अगस्तसँ लागू कयल गेल २५ प्रतिशतक टैरिफ वृद्धि भारतीय बाजार लेल बिल्कुल चिंताजनक नहि अछि।
अधिकारी कहलनि जे किसान, डेयरी आ एमएसएमईक संग समझौता करबाक कोनो संभावना नहि अछि आ आनुवंशिक रूपसँ संशोधित फसलक आयातक अनुमति देबाक कोनो संभावना सेहो नहि अछि।
ओ आगू कहलनि कि पाकिस्तान आ बांग्लादेश पर टैरिफमे कमीक असरि हमरा सब पर नहि पड़त।
अगस्तकेँ अंत धरि अगिला दौरक व्यापार वार्ताक लेल अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल पहुंची रहल अछि। भारत-अमेरिका व्यापारिक वार्ता जारी रहबाक उम्मीद अछि आ आगामी दिनमे किछु राहत सेहो भेटि सकैत अछि।
एतबहि नै, हालमे भेल भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) एकटा ‘गेम-चेंजर’ सौदा साबित भ गेल अछि, जाहिसँ किसान, व्यापारी, एमएसएमई क्षेत्र, युवा पेशेवर आ मछुआराकेँ लाभ भेटैत अछि।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल बृहस्पतिदिन कहलनि जे, भारत विभिन्न देशक संग व्यापारिक समझौता पर वार्ता करैत राष्ट्रीय हितक रक्षा लेल सभ आवश्यक कदम उठाओत।
संसदकेँ संबोधित करैत केंद्रीय मंत्री गोयल अमेरिकी राष्ट्रपतिक ‘मृत अर्थव्यवस्था’ केर टिप्पणीकेँ सेहो खारिज करैत कहलनि कि भारत १० सालमे ११म सँ सबसँ पैघ अर्थव्यवस्था बनि पांचम पैघ अर्थव्यवस्था बनि गेल अछि आ दुनिया केर सबसँ तेजीसँ बढ़ैत अर्थव्यवस्था बनल अछि।
ओ कहलनि, “भारतकेँ यूएई, यूके, ऑस्ट्रेलिया आ ईएफटीए देशक संग आपसी लाभकारी मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) अछि।
ओ आगू कहलनि कि भारत एखनि अपन सुधार, एमएसएमई आ उद्योगक प्रयासक माध्यमसँ चारिम सबसँ पैघ अर्थव्यवस्था अछि आ जल्दिये ई तेसर सबसँ पैघ अर्थव्यवस्था बनि जायत।