छात्र संघक कहब अछि जे बिहारमे सरकारी नौकरी पर बिहारी युवाक पहिल अधिकार अछि। एकरा लेल डोमिसाइल नीतिकेँ लागू करब राज्य सरकारक प्राथमिकता हेबाक चाही।
चुनावी सालमे डोमिसाइल पॉलिसी केर मुद्दा गरम भऽ रहल अछि। आइ एक बेर फेर छात्र पटनाक सड़क पर उतरताह। एहिसँ पहिने 5 जूनकेँ एकटा पैघ विरोध प्रदर्शन भेल छल। 2 जुलाईकेँ पटनामे बिहार छात्र संघ द्वारा मार्च आ विरोध प्रदर्शनक आयोजन कयल गेल अछि। पटना कॉलेजसँ मार्च 11 बजेसँ शुरू होएत।
छात्र सीएम आवास पर जा कय मुख्यमंत्री नीतीशसँ भेंट कय अपन मांगकेँ राखय चाहैत छथि। मांग अछि जे बिहारमे प्राथमिक शिक्षक बहालीमे शत-प्रतिशत डोमिसाइल आरक्षण लागू कयल जाए। संगहि माध्यमिक आ उच्च माध्यमिक शिक्षक, पुलिस (निरीक्षक/हवलदार), बीपीएससी आ अन्य सरकारी नौकरीमे कम स कम 90% सीट स्थानीय अभ्यर्थी लेल आरक्षित हेबाक चाही।
बिहार स्टूडेंट यूनियनक अध्यक्ष दिलीप कुमार आइ होबयवाला मार्चक बारेमे जनतब देलनि आओर ओ कहलनि जे जँ हमर मांग नहि सुनल जाएत तऽ पूरा बिहारमे विरोध करब। ओ कहलनि जे हम नीतीशकेँ धन्यवाद दैत छी जे बिहारमे बेसीसँ बेसी नियुक्ति भऽ रहल अछि, मुदा डोमिसाइल नीतिकेँ लागू नहि हेबाक कारण एहि ठाम आन राज्यक युवा आबि कय नौकरी कय रहल अछि आ बिहारी छात्रक अधिकारक हनन भऽ रहल अछि।
बिहारमे सरकारी नौकरी पर बिहारी युवाक पहिल अधिकार अछि आ एहि लेल डोमिसाइल नीति लागू करब राज्य सरकारक प्राथमिकता हेबाक चाही। सरकारी नौकरीमे स्थानीय आरक्षण देशक कतेको राज्यमे पहिनेसँ लागू अछि, जाहिसँ बिहारक युवाकेँ नौकरी भेटबामे काफी दिक्कत भऽ रहल अछि।
असलमे बहुत रास राज्यमे डोमिसाइल पॉलिसी लागू अछि। एकर तहत राज्य सरकारक किछु नौकरीमे मूल निवासीक प्राथमिकता देल जाइत अछि। पहिने ई नीति बिहारमे सेहो छल, मुदा एकरा समाप्त कऽ देल गेल अछि।