घटना

नेपाल-तिब्बत सीमा पर भूकम्पक कहर, लगभग ९५ लोकक मृत्यु, १०० सँ बेसी घायल, उत्तर भारतमे सेहो झटका

मधुबनी समदिया
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मंगलदिन भोरमे नेपाल-तिब्बत सीमा क्षेत्रमे रिक्टर पैमाना पर ७.१ तीव्रताक शक्तिशाली भूकम्प आयल। मीडिया रिपोर्टमे ई दावा कयल गेल अछि जे तिब्बतमे आयल भूकम्पमे ९५ लोकक मृत्यु भेल अछि आ १०० सँ बेसी लोक घायल भेल अछि। कतेको इमारत ढहि गेल अछि।

राष्ट्रीय भूकम्प विज्ञान केन्द्र (एनसीएस) पुष्टि कयलक जे भूकम्प भोर ६:३५ बजे (भारतीय समयानुसार) भेल जकर केन्द्र २८.८६ डिग्री उत्तर अक्षांश आ ८७.५१ डिग्री पूर्व देशान्तर १० किलोमीटरक गहराईमे छल। एहि स्थानक पहिचान नेपालक सीमा लग शिजग (तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र)क रूपमे कयल गेल अछि।

सरकारी समाचार एजेंसीक अनुसार शिजांग शहरमे एकटा पैघ आपदा आयल, जाहिमे कतेको लोकक मृत्यु भऽ गेल आ कतेको लोक घायल भऽ गेलाह। शिगाजे (शिगात्से)क डिंगारीक चांगसुओ बस्तीक टोंगलाई गाममे कतेको घर खसि पड़बाक खबरि अछि।

ओतहि पूरा उत्तर भारतमे सेहो भूकम्पक झटका महसूस कयल गेल। बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम आ दिल्ली-एनसीआरमे भूकम्पक झटका महसूस कयल गेल। लोक घबराहटमे अपन घरसँ बाहर निकलि गेलाह। भारतमे एखन धरि कोनो हताहत वा सम्पत्तिक क्षतिक सूचना नहि अछि।

प्रारंभिक भूकम्पक बाद दूटा झटका महसूस कयल गेल छल। पहिल ४.७ तीव्रताक भूकम्प जकर केन्द्र अक्षांश २८.६० डिग्री उत्तर आ देशांतर ८७.६८ डिग्री पूर्व १० किमी गहराईमे आ दोसर ४.९ तीव्रताक भूकम्प भोर ७:०७ बजे (भारतीय समयानुसार) छल, जकर केन्द्र अक्षांश २८.६८ डिग्री उत्तर आ देशांतर ८७.५४ डिग्री पूर्व ३० किलोमीटरक गहराईमे छल।

यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) नेपाल-तिब्बत सीमा लग लोबुचेसँ ९३ किलोमीटर उत्तर-पूर्वमे भूकम्पक स्थानक सूचना देलक। लोबुचे खुम्बु ग्लेशियरक समीप, काठमांडूसँ लगभग १५० किलोमीटर पूरब आ एवरेस्ट बेस कैम्पसँ ८.५ किलोमीटर दक्षिण-पश्चिममे स्थित अछि।

नेपाल, जे भूकंपीय रूपसँ अत्यधिक सक्रिय क्षेत्रमे स्थित अछि जतय भारतीय आ यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट मिलैत अछि, भूकम्पक लेल अजनबी नहि अछि। ई विवर्तनिक (टेक्टोनिक) गतिविधि, जे हिमालय क्षेत्र बनबैत अछि, बहुधा अलग-अलग परिमाणक भूकंपीय घटनाक कारण बनैत अछि।

नेपाल आ प्रभावित भारतीय क्षेत्रक अधिकारी सतर्क छथि आ स्थितिपर बारीकीसँ नजरि राखि रहल छथि। ऐतिहासिक रूपसँ विनाशकारी भूकंपीय गतिविधिक प्रति संवेदनशील क्षेत्रमे भूकम्प चिन्ताकेँ फेरसँ जगा देलक अछि।

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