पर्यावरण

भीषण गरमीक कारण सुखि गेल बागमती नदी, किसान सभ संकटमे

सीतामढ़ी
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एहि सालक गर्मी एखने पिछला सबटा रिकॉर्ड तोड़ि देलक अछि। स्थिति ई अछि जे नदी, पोखरि सभ सुखि गेल अछि। एतय धरि कि बागमती नदी, जकरा कहियो ‘व्याघ्र मति’क नामसँ जानल जाइत छल, एकर स्थिति नालासँ बेसी खराब भऽ गेल अछि। शिवहर-सीतामढ़ीसँ गुजरयवाली बागमती नदी, जाहिमे पहिने भरि साल जल रहैत छल, आब मवेशीसभक लेल चाराक मैदान बनि गेल अछि। कटौझा नदी अपन समयक सबसँ खतरनाक नदी अछि, जे सैकड़ो लोकक जीवन निगलि लेने अछि। एहि नदीमे कतेको यात्री वाहन सहित लोक डूबि गेल अछि, मुदा आब एहि नदीक अस्तित्व समाप्त भऽ गेल बुझाइत अछि।

बागमती नदी सूखि कऽ मवेशीक चारागाह बनि गेल अछि। एहि नदीक सूखबाक कारणेँ लगपासक क्षेत्रमे लोक पानिक लेल संघर्ष कऽ रहल छथि। एहन स्थितिमे लोक पानि लेल दर-दर भटकि रहल छथि। एहि क्षेत्रक जलस्तरमे बहुत कमी आयल अछि। जाहि कारणेँ चापाकल सेहो सूखय लागल अछि आ पानि देनाइ बंद कऽ देलक अछि।

जनार गामक निवासी शिवाजी पासवान जे नदीमे मवेशी चरा रहल छलथि, कहलनि जे जाहि ठाम हम आइ बागमती नदीमे मवेशी चरा रहल छी, ई नदी जिलाक सभसँ गहींर नदी अछि। गर्मीक मौसममे कहियो पानि सुखाइत नहिं देखलौंह, एहेन पहिल बेर देखबाक भेटि रहल अछि जे बागमती नदी पूर्ण रुपें सुखि गेल अछि।

बागमती नदी सूखलाक कारण किसान अपन खेतमे पटौनी नहिं कऽ पाबि रहल छथि। जाहि कारणेँ एकर कृषि पर सेहो प्रतिकूल प्रभाव पड़ि रहल अछि। किसान रामवृक्ष पासवान कहलनि जे बागमती नदीक कातमे गामक अधिकांश किसान तरकारीक खेती करैत छलाह। बागमती नदीक पानिसँ सहजतासँ पटौनी भऽ जाइत छल। लेकिन, एहि बेर भीषण गरमीक कारण बागमती नदी पूर्ण रूपसँ सूखि गेल अछि। जाहि कारण तरकारी किसानक समस्या बढ़ि गेल अछि। एहि नदीमे साल भरि पानि रहैत छल। लेकिन, एहि भीषण गरमीमे, किसानक बात छोड़ू, जानवर सेहो चिन्तित अछि, किएक तँ पीबाक लेल पानि उपलब्ध नहिं अछि।

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