वाणिज्य आ उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ई बयान एहेन समयमे देलनि जखनि अमेरिका द्वारा भारत पर ५० प्रतिशत शुल्क लगेबाक कारण भारतीय माल निर्यातमे ३० अरब डॉलरसँ बेसी केर गिरावटक संभावना अछि।
पिछला साल भारत अमेरिकाकेँ 88 अरब डॉलरक निर्यात कयलक। पिछला वित्तीय वर्ष भारतक कुल निर्यात 821 अरब डॉलर रहल। एहिमे 437.42 अरब डॉलरक माल निर्यात आ 383.51 अरब डॉलरक सेवा निर्यात शामिल अछि। पिछला वित्तीय वर्ष भारत अमेरिकाकेँ 88 अरब डॉलरक निर्यात कयलक।
शुक्रदिन आयोजित कार्यक्रममे पीयूष गोयल कहलनि जे, प्रधानमंत्री स्पष्ट कय देलनि अछि जे हम किसान, डेयरी आ माछ किसानक हित आ राष्ट्रीय हितक संग समझौता नहि कय सकैत छी।
ओ कहलनि जे व्यापारमे वैश्विक परिदृश्य बदलैत रहैत अछि। एहि दृश्यमे कतेको नव देश प्रवेश करैत अछि आ कतेको पुरान देश बाहर निकलैत अछि। ई भारतक समय अछि। अमेरिका केर रवैया पर गोयल कहलनि कि हम आपदामे अवसर खोजयवला लोक छी। देशक मनोबल बेसी अछि आ ओ झुकयबला नहि अछि।
वर्ष 1999 मे शताब्दीक बदलावक कारण कंप्यूटरमे जे चुनौतीक सामना करय पड़ल छल ओकर उदाहरण दैत ओ कहलनि कि 1999 मे एकटा नव दूरसंचार नीति शुरू कयल गेल आ आईटी उद्योगमे चुनौतीसँ निपटय लेल एतेक काज भेल कि भारतक ई उद्योग ओकर बाद पाछू नहिं देखलक।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारतीय अर्थव्यवस्थाकेँ मृत घोषित करय आ तत्कालीन विपक्षी नेता राहुल गांधी ट्रंपक बयानक समर्थन करय पर गोयल कहलनि कि ई बहुत दुखद अछि। एखनि पूरा दुनिया नव आशाक संग भारत दिसि ताकि रहल अछि। हम सबसँ तेजीसँ बढ़ैत देश छी जकरा दुनिया चिन्हि रहल अछि। हर साल अधिकतम संख्यामे भारतीय युवा विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अंग्रेजी आ गणित (एसटीईएम) मे स्नातक भऽ रहल छथि। एहि सबहक बादो जँ कियो अज्ञानी बयान दैत अछि तखनि एहि पर की कहल जा सकैत अछि।
विदेश व्यापार विशेषज्ञक कहब अछि कि भारत केर सेवा निर्यात तेजीसँ बढ़ी रहल अछि आ ई प्रवृत्ति चालू वित्तीय वर्ष २०२५-२६ मे सेहो जारी रहत।
भारत केर सेवा निर्यात वित्तीय वर्ष २०२३-२४ मे ३४१ अरब डॉलर छल, जे पिछला वित्तीय वर्ष २०२४-२५ मे बढ़ि कय ३८५ अरब डॉलर भऽ गेल अछि। चालू वित्तीय वर्षक पहिल तिमाहीमे सेहो सेवा निर्यातमे पिछला वित्तीय वर्षक समान अवधिक मुकाबले 10 प्रतिशतक वृद्धि भेल अछि।
एहि साल अप्रैल-जूनमे सेवा निर्यात 98 अरब डॉलर रहल, जखनि कि पिछला साल अप्रैल-जूनमे 88 अरब डॉलरक सेवा निर्यात भेल छल।
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट (आईसीएआई) केर अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदाक अनुसार आईसीएआई ब्रिटेन आ अन्य देशमे वित्तीय सेवा प्रदान करय लेल बहुत रास कोर्सक आयोजन कय रहल अछि। आबय वला समयमे एहि क्षेत्रमे भारतीय प्रोफेशनल केर भारी मांग होबयवला अछि। खाड़ी देशमे बहीखाता आ अन्य वित्तीय सेवा देबयवलाकेँ बहुत मांग पहिनेसँ अछि।