शिक्षा

बिहारमे भोजपुरीकेँ ‘आधिकारिक भाषा’क दर्जा देबय केर कयलक महागठबंधन माँग

पटना
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बिहारमे एक बेर फेर भोजपुरी भाषाकेँ आधिकारिक भाषा घोषित करबाक पुरान माँग उठल। केन्द्रीय मंत्रिमंडल हालहिमे पाँचटा भाषाकेँ शास्त्रीय भाषाक दर्जा देबाक निर्णय लेलक।

बिहारमे एक बेर फेर भोजपुरीकेँ आधिकारिक भाषाक दर्जा देबाक मांग तेज भऽ गेल अछि। विपक्षी महागठबंधन द्वारा एकर जोरदार समर्थन कयलाक बाद ई माँग तेज भऽ गेल अछि। महागठबंधनक घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस आ भाकपा (माले) लिबरेशनक वरिष्ठ नेता कहलनि जे ओ एहि मुद्दाकेँ संसदमे उठयताह। बिहारमे भोजपुरी भाषाकेँ राजभाषा घोषित करबाक पुरान माँगकेँ नव समर्थन भेटल अछि जखन केन्द्रीय मंत्रिमंडल हालहिमे पाँचटा भाषा मराठी, बंगाली, पाली, प्राकृत आ असमियाकेँ शास्त्रीय भाषाक दर्जा देबाक निर्णय लेलक। तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम आ ओडियाकेँ पहिनेसँ ई दर्जा देल जा चुकल अछि। आब एहन भाषाक संख्या ११ अछि।

भाकपा मालेक लोकसभा सदस्य सुदामा प्रसाद कहलनि, “ई भाषा बिहारक भोजपुर, रोहतास, कैमूर, बक्सर, सारण, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चम्पारण, गोपालगंज, सीवान आ जहानाबाद सन जिला आ झारखण्डक कतेको भागमे व्यापक रूपसँ बाजल जाइत अछि। भोजपुरीकेँ संविधानक आठम अनुसूचीमे शामिल करबा पर केंद्र चुप किएक अछि ? आब संविधानक आठम अनुसूचीमे २२ टा भाषा अछि। संविधानमे पहिने १४टा भाषाकेँ सम्मिलित कयल गेल छल जखन कि आठटा भाषाकेँ बादमे जोड़ल गेल छल।

गृह मंत्रालयक वेबसाइटक अनुसार आठम अनुसूचीमे ३८ आओर भाषाकेँ शामिल करबाक मांग अछि आ भोजपुरी ओहिमेसँ एक अछि। प्रसाद कहलनि, “नीतीश कुमार सरकारकेँ भोजपुरी केर आधिकारिक भाषा बनाबय केर बारेमे केंद्र सरकारकेँ विस्तृत रिपोर्ट भेजबाक चाही। हम संसदक आगामी सत्रमे इ मुद्दा उठायब। बक्सरसँ राजद सांसद सुधाकर सिंह आरोप लगओलनि जे बिहार आ केंद्रमे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार भोजपुरी भाषी लोकक संग सौतेला व्यवहार कऽ रहल अछि।

राजद सांसद कहलनि, “हम (महागठबंधन) भोजपुरीकेँ संविधानक ८म अनुसूचीमे तत्काल शामिल करबाक मांग करैत छी जाहिसँ एकरा राजभाषाक दर्जा भेटि सकय। एहिसँ पहिने हमसभ राज्य विधानसभामे ई मुद्दा उठौने छलहुँ मुदा नीतीश कुमार सरकार एहि पर ध्यान नहिं देलक। कांग्रेसक वरिष्ठ नेता आ विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी कहलनि कि ई भोजपुरी भाषी लोकक सदियों पुरान मांगमे सँ एक अछि।

तिवारी कहलनि, “अनुसूचीमे शामिल भेलासँ कोनो भाषाकेँ किछु लाभ भेटैत अछि। एहिसँ सरकारक लेल भाषाक विकासक लेल कदम उठायब आवश्यक भऽ जाइत अछि जाहिसँ ई आओर बढ़ि सकय आ समयक सङ्ग संचारक एकटा प्रभावी माध्यम बनि सकय।” संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी महागठबंधनक नेतासभक माँगपर प्रतिक्रिया दैत कहलनि जे कोनो भाषाकेँ ‘आधिकारिक’ भाषाक दर्जा देबाक माँगक पाछाँ ठोस तथ्य होयबाक चाही। “जँ माँग ठोस तथ्य पर आधारित अछि तँ कोनो भाषाकेँ आधिकारिक भाषाक दर्जासँ कियो वंचित नहि कऽ सकैत अछि।”

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