सृजन संवादक साहित्यिक आयोजन आइ मधुबनी जिलाक हरिपुर( पण्डौल) गाममे आयोजित भेल। विद्यापति रचित गोसाओनिक गीतसं आरंभ भेल गोष्ठी। दीप बारिक कार्यक्रमक उद्घाटन मैथिलीक प्रसिद्ध साहित्यकार पं.जगदीश मिश्र केलनि। जगदीश मिश्र कहलनि जे मैथिलीमे कविता खूब लिखल जा रहल अछि।मुदा आइ मैथिली कवितापर संप्रेषनीयताक संकट अछि।ताहि दिश ध्यान देब आवश्यक।
पहिल सत्रमे ‘एकैसम शताब्दीक मैथिली कविताक प्रवृत्ति ओ अपेक्षा’ बिषय पर सगोष्ठी आयोजित भेल। बिषय प्रवर्तन करैत वरिष्ठ साहित्यकार दिलीप कुमार झा कहलनि जे एकैसम शताब्दीमे मैथिली कविताक दृष्टि बहुत फरीछ अछि। मैथिलीक कवि मनुक्खताक पक्षमे ठाढ़ छथि।स्त्री आओर दलित कवि लोकनिक हस्तक्षेपसँ मैथिली कवितामे भोगल यथार्थक चित्रण बहुत मजगूतीक संग आबि रहल अछि।पर्यावरण संकटपर मैथिलीमे खूब कविता लिखल जा रहल अछि ।
डा.बिभा कुमारी स्मितामूलक विमर्शक बात उठौलनि संगहि ओ मैथिली कवितामे ग्लोबलाइजेशन सकारात्मक प्रभावक बात कहलनि।
प्रो.सत्येन्द्र कुमार झा कहलनि जे एकैसम शताब्दीमे मैथिली कविताक प्रभाव बहुत पसरि रहल अछि। नब कवि सभ साकांक्ष छथि। समाजिक सरोकारकसँ संम्पृक्त अछि आजुक मैथिली कविता।
प्रो आर के झा मैथिली कवितापर बजारवादक प्रभावक बात कहलनि। आगत अतिथिक स्वागत कार्यक्रम संयोजक मुकेश आनन्द कयलनि।
दोसर सत्रमे वरिष्ठ कवि गोपाल झा अभिषेकक अध्यक्षतामे कवि गोष्ठी भेल। कविता पाठ कयलनि डा.बैद्यनाथ मिश्र, रामकृष्ण परार्थी, कुमार विक्रमादित्य, डा.बिभा कुमारी, वन्दना चौधरी, प्रदीप मंडल पावड़ा, मालती मिश्र, प्रीतम कुमार निषाद, मुकेश आनन्द, दिलीप कुमार झा, सुमित मिश्र गुंजन, अनुराग मिश्र, दिनेश चन्द्र झा।
संचालन डा.बैद्यनाथ मिश्र कयलनि। पठित कवितापर टिप्पणी कयलनि पत्रकार कवि सुभेश चन्द्र झा, डा.सत्येन्द्र कुमार झा, राजेश चौधरी। सृजन संवादक ई पहिल आयोजन सफल रहल। यात्रीजी कविता भगवान हमर ई मिथिला गीतसँ आजुक आयोजनक समापन कयल गेल।