कांग्रेसी नेता राहुल गाँधी, एखन भारत जोड़ो न्याय यात्राक माध्यमे, देश जोड़ि रहल छथि, मुदा पार्टीक पुरान आ वरिष्ठ नेता पार्टी त्यागि, कांग्रेसक मार्ग कठिन बना रहल छथि। ओना त’ एहि तरहक दलबदलू नेता हर दलमें अछि, मुदा कांग्रेस पार्टी जाहि तरहेँ, एहि रोगसँ ग्रसित भेल अछि, जौं शीघ्र एकर उपचार नहि भेल त’ संकट दिनोदिन बढ़िते रहत, ई तय अछि। देशक सबसँ पुरान पार्टी कांग्रेस, एखन धरिक सभसँ कठिन दौरसँ गुजरि रहल अछि। जे पार्टी दशकों धरि सत्तामें रहल, ओहि पार्टीक एहेन दुर्गति कहियो नहि भेल छलैक। कांग्रेस पार्टीक भीतरक आतंरिक कलह, एखन जगजियार भेल अछि। दलबदलू नेता सभमे भगदड़ मचल छैक, आ एकर सभसँ बेसी नुकसान पार्टी उठा रहल अछि। राहुल गाँधीक प्रतिक्रिया देखि ई कतौहसँ नहि लागि रहल जे हुनका एहि सभसँ कोनो तरहक भय वा चिंता होइत छैन्ह। राहुल गाँधी अप्पन यात्राके माध्यमे निरन्तर आम जनमानससँ भेंट क’ रहल छथि, भरिसक ओ कोनो आन योजना पर कार्य क’ रहल छथि। आब राहुल गांधीक मनमे की छैन्ह, ई त’ वएह जनैत छथि, मुदा हुनकर एहि चुप्पीसँ पार्टी बिखरावक कगार पर अछि। केन्द्रसँ राज्य धरि पार्टी दिनोदिन कमजोर भेल जा रहल अछि। वर्तमान समयमे पार्टी पर संकट दिनोदिन बढिये रहल अछि। ओना त’ हर राज्यमें चुनावसँ पहिने अथवा बादमे कांग्रेसी नेताक बिच भगड़द मचि जाइत छैक, मुद एखन आगामी आम चुनावके देखैत पार्टीक पुरान आ कद्दावर नेता आहत भ’ पार्टी छोड़ि रहल छथि। पार्टीमें गुटबाज़ी आ सम्मान नहि भेटबाक आरोप लगा, नेता लगातार पार्टी छोड़ि रहल छथि। कांग्रेस पार्टी लेल देशक हर भागक हाल एक्कहि रंग अछि, महाराष्ट्रसँ मध्यप्रदेश धरि एक्कहि हाल अछि। सरल भाषामे कहल जाए त’ एखन धरि, एहि तरहक अवसरवादी राजनीतिक सभसँ पैघ शिकार, कांग्रेस पार्टी भेल अछि। एखन दिल्लीमे भाजपा राष्ट्रीय परिषदक दू दिवसीय बैसार चलि रहल अछि, देशक तमाम भाजपा नेता एखन दिल्लीएमें छथि, संगहि मध्यप्रदेशक पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सेहो, दुनू बापूत दिल्ली ओगरने छथि। कमलनाथक दिल्ली यात्रा पर राजनीतिक जगतमे अनेको शंका आशंका व्यक्त कएल गेल, खबैर उड़ल कि, कमलनाथ अप्पन पुत्र नकुलनाथक संग भाजपामें शमिल भ’ रहल छथि। जानकारक कहब अछि कि, जहिएसँ कमलनाथके प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पदसँ हटाओल लगभग तहियेसँ ओ आहत छलथि। कमलनाथक नाराजगीक अनेको कारण कहल जा रहल अछि, मुदा कमलनाथ, कांग्रेससँ राज्यसभाक टिकट नहि भेटयसँ सेहो दुःखी छलाह, तहिना 2023 विधानसभा चुनावक पराजयक श्रेय सेहो हुनके देल गेलनि, संगहि चुनाव परिणाम अबिते हुनकासँ त्यागपत्रक मांग कएल गेल। एहि बीच प्रदेशमे, अनेको एहेन महत्वपूर्ण निर्णय लेल गेल, जाहिमे कमलनाथक परामर्श नहि लेल गेल। कहबाक तात्पर्य ई जे कमलनाथ लग पार्टी छोड़बाक अनेको कारण मौजूद अछि जे, निकट भविष्यमे लोकक समक्ष सोझा आओत। धीरे – धीरे ओ, पार्टीक कार्यक्रमसँ सेहो दुरी बनाएब शुरू कएलनि, संगहि अप्पन घरक आगू रामध्वज लगा अप्पन योजनाक संकेत देलनि। पहिने त’ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह कहलनि कि, हुनकर एहेन कोनो योजना नहि अछि, मुदा आब ओ कहैत छथि कि, कमलनाथ पर ईडी, आईटी आ सीबीआई केर अत्यधिक दबाव छैक। कहैत चली कि, कमलनाथ छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्रसँ नौ बेरक सांसद रहल छथि संगहि ओ मध्यप्रदेशक मुख्यमंत्री सेहो रहल छथि। कमलनाथ अप्पन राजनीतिक जीवनक शुरुआत नेहरू-गांधी परिवारक संग कएलनि, त’ एहि स्थितिमे हुनकर ई निर्णय निश्चित रूपसँ कांग्रेस पार्टी लेल नुकसानदेह सिद्ध भ’ सकैत अछि। ओना त’ कमलनाथ एखन धरि भजपामे शामिल होऐबाक गप्प पर गोलमोल उत्तर द’ रहल छथि, मुदा हुनका द्वारा देल जा रहल संकेतसँ साफ होइत अछि कि, कमलनाथ अप्पन किछु विश्वासी विधायकक संग भाजपामे शामिल भ’ रहल छथि। किछुए समय पूर्व महाराष्ट्र कांग्रेस में भगदड़ मचल छल, पार्टीक पुरान कार्यकर्त्ता मिलिंद देवड़ा, पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी संगहि पार्टीक वरिष्ठ नेता आ महाराष्ट्रक पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पार्टी छोड़ि चुकल छथि। आब खबैर आबि रहल अछि कि, कमलनाथ, दुनू बापूत 19 फरवरीके भाजपामें शामिल भ’ सकैत छथि। एहि खबैरके बल और बेसी एहि ल’ क’ भेटि रहल अछि किएक त’ कमलनाथक नजदीकी मध्य प्रदेशक लगभग आधा दर्जन विधायक काल्हिए दिल्ली पहुंचलाह। पहिने ज्योतिरादित्य सिंधिया, आ आब कमलनाथ, मतलब साफ अछि कि, मध्यप्रदेश कांग्रेसमें दिग्विजय सिंहक अतिरिक्त कोनो आन कद्दावर नेता नहि बाँचल अछि। राहुल गाँधीक भारत जोड़ो न्याय यात्रा आब मध्य्प्रदेशमे प्रवेश करत, मुदा प्रवेशसँ पहिनहि पार्टी बिखरावक स्थितिमे पहुँचल अछि।