समारोह

सी. एम. साइंस कालेजमे ’21म सदीमे भौतिकी : नवाचार आ खोज’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित

दरभंगा समदिया
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21म सदीमे, भौतिकी शिक्षा आ अनुसंधानमे खूब नवाचार भ’ रहल अछि, जाहिमे क्षेत्र-विशेषसँ संदर्भित अनुसंधान, वैज्ञानिक तर्क क्षमताक संवर्धन, अनुसंधान-प्रमाणित पाठ्यक्रम ओ शिक्षण-अधिगम केर दृष्टिकोणक प्रसार सन्निहित अछि। ई गप्प वृहस्पतिदिन सी. एम. साइंस कालेज, दरभंगाक पीजी भौतिकी विभाग आ स्वयंसेवी संगठन प्रभात दास फाउंडेशनक संयुक्त तत्वावधानमे आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठीमे डा उमेश कुमार दास कहलनि।

’21म सदीमे भौतिकी : नवाचार आ खोज’ विषय पर अपन व्याख्यान दैत ओ कहलनि जे एहि सदीमे नैनोस्केल पर विभिन्न पदार्थक गुणक अध्ययन आ एकर परिमार्जन करबामे महत्वपूर्ण प्रगति भेल अछि, जाहिसँ इलेक्ट्रॉनिक, फोटोनिक आ चुंबकीय उपकरणक सुदृढीकरण लेल नव अवसर उत्पन्न भेल अछि।

ओ कहलनि जे 21म सदीमे भौतिकी, नवाचार आ अनुसंधानक एकटा रोमांचक दौरमे अछि, जाहिमे मौलिक सिद्धांतकें बूझबाक आ नव प्रौद्योगिकीकें विकसित करबा पर ध्यान केंद्रित कयल गेल अछि।

फलाफल एहि सदीमे, वैज्ञानिक क्वांटम यांत्रिकी, सापेक्षतावाद आ कण भौतिकी सन क्षेत्रमे अभूतपूर्व प्रगति भ’ रहल अछि, जाहिसँ ब्रह्मांड आ प्रकृति केर बारेमे सूचना क्रांति आबि रहल अछि। ओ अपन व्याख्यानमे जनतब देलनि जे लेजर इंटरफेरोमीटर गुरुत्वाकर्षण-वेव ऑब्जर्वेटरी एहि सदीमे गुरुत्वाकर्षण तरंगक पता लगेलक, जे आइंस्टीन केर सामान्य सापेक्षताक सिद्धांतक पुष्टि करैत अछि आ ब्रह्मांडक भौतिक गतिविधिकें बूझबा लेल एकटा नव उपकरण प्रदान कयलक अछि।

संगोष्ठीक अध्यक्षता करैत महाविद्यालयक प्रधानाचार्य सह ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो दिलीप कुमार चौधरी कहलनि जे आवश्यकताकें आविष्कारक जननी कहल जाइत अछि, मुदा मानव समाजमे, “आवश्यकता” सांस्कृतिक रूपसँ निर्धारित धारणा आ जिनगीक वास्तविक भौतिक आवश्यकताक मिश्रण होइत अछि। आवश्यकता केर अवधारणा, जे वांछित अछि, बजारक अंतिम चालक आ नवाचारक एकटा अनिवार्य आयाम अछि। संगोष्ठी केर विषय पर अपन-अपन विचार रखैत ओ कहलनि जे नवाचारमे मुर्गी आ अंडा बला गुण होइत अछि, जाहिसँ ओकर विश्लेषण करब अत्यंत कठिनाह भ’ जाइत अछि। ओ कहलनि जे नवाचारकें अर्थव्यवस्थामे अपनौने आ एकीकृत करबाक कारण उपभोक्ता द्वारा महसूस कयल गेल किछु जरूरतकें पूरा करब ओकर क्षमता पर निर्भर करैत अछि आ ई धारणा विपणन, फैशन, सांस्कृतिक जड़ता आकि अज्ञानताक एकटा अनमोल शिल्प भ’ सकैत अछि।

संगोष्ठीमे भौतिकी केर शिक्षक डा सुजीत कुमार चौधरी सेहो अपन महत्वपूर्ण विचार रखलनि। एहिसँ पहिले प्रभात दास फाउंडेशन केर प्रदेश संयोजक मुकेश कुमार आगत अतिथि लोकनिकें फूलक गाछ लागल गमला प्रदान क’ स्वागत कयलनि। अपन स्वागत संबोधनमे ओ संगोष्ठी केर उद्देश्य आ एकर विषय केर वर्तमान समयमे प्रासंगिकताकें विस्तारसँ रेखांकित कयलनि। विभागक शिक्षिका डा सुमनजीत कौर केर संचालनमे आयोजित संगोष्ठीमे धन्यवाद ज्ञापन डा अजय कुमार ठाकुर कयलनि।

कार्यक्रममे विभागीय शिक्षक डा रवि रंजन, डा संतोष कुमार, डा अभिषेक कुमार, डा आदित्य नाथ झा, डा स्वर्णा श्रेया, आईक्यूएसी सहायक प्रवीण कुमार झा आदि केर उल्लेखनीय सहभागिता रहलनि।

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