कृषि

कृषि क्षेत्रमे बदलाव हमर जिद्द, जुनून आ जज्बा, किसान‌ जुड़त विज्ञानसँ : शिवराज सिंह चौहान

नई दिल्ली
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केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान आईसीएआर पूर्व छात्र सम्मेलनकेँ सम्बोधित करैत कतेको महत्वपूर्ण बात कहलनि। ओ कहलनि जे हम अहाँकेँ बीच बड़ आशाक संग आयल छी। अईठाम आबि हमर भाषण मात्र कर्मकांड नहिं अछि। कृषिक परिदृश्यकेँ पूर्ण रूपसँ बदलबाक हमर जिद्द, जुनून आ जज्बा अछि, जे हम अहाँक सङ्ग मिलिकऽ करय चाहैत छी।
ओ कहलनि “हम किसान आ विज्ञानकेँ जोड़य चाहैत छी। हम प्रयोग करैत छी जे किसानकेँ बहुत बादमे पता चलैत अछि। हम खेतमे बैसि सेहो किसान सभसँ गप्प करब। हम अहाँक निकट संपर्कमे रहए चाहैत छी।”

ओ कहलनि, “हम चुपचाप बैसए बलामे सँ नहिं छी। हम दिन-राति काज करब। हमरा किसानक कल्याण करय केर अछि आ उत्पादन बढ़ाबय केर अछि। किसान आधुनिक तकनीकक आधार पर काज कऽ रहल छथि। हमरा ई कहैत गर्व भऽ रहल अछि जे ४.५ करोड़ टन गहूमक उत्पादन मात्र एहि लेल भऽ रहल अछि जे ई ओहि शोधक परिणाम अछि जे हम सभ कयने छी आ नव बीजक उत्पादन कयने छी। हम ४५,००० करोड़ रुपयाक बासमती चाउरक निर्यात कए रहल छी, आ ई हमर किसान भाईक मेहनतिक कारणे भऽ पाबि रहल अछि। जे अलग-अलग पद पर अलग-अलग संस्थानमे बैसल छथि, चाहे देशमे बैसल होइथ, चाहे विदेशमे बैसल होइथ, हम हुनका छोड़ब नहिं, हम हुनका सभकेँ सेहो पकड़ब आ हम कहब जे एक संग आउ, हम सब मिलिकेँ काज करी।

कृषिक क्षेत्रकेँ आगू बढ़यब आ किसानक कल्याण करब प्रधानमंत्रीक विजन आ हमर मिशन अछि। जहियासँ हम कृषि मंत्री बनलहुं, हम दिन-राति सोचि रहल छी जे नीक कोना करब। हमरा एहन अहंकार नहिं अछि जे मात्र हम सब किछु जनैत छी वा हमर कार्यालयमे बैसल आईएएस अधिकारी मात्र जनैत छथि। हम निर्णय लेलहुँ जे कृषि क्षेत्रमे अनुसंधान होए, शिक्षा होए आ उत्पादन होयबाक चाही, जाहिसँ नीक प्रगति भेल अछि।

शिवराज कहलनि, “हमर चिन्ता ई अछि जे आइ हम साझा करय चाहैत छी जे हमर ८६ प्रतिशत किसान छोट सीमान्त किसान छथि। डेढ़ एकड़, दू एकड़, ढाई एकड़, १ हेक्टेयर। आब हमरासभकेँ खेतीक एकटा मॉडल एहि तरहेँ बनाबय पड़त जे ओ एक हेक्टेयर धरि खेतीमे अपन रोजी-रोटी केना ठीकसँ चला सकथि। हम कहैत छी जे उत्पादन बढ़ेबाक अछि, उत्पादनक लागत कम करय पड़त, तेसर बात अछि उत्पादनक लेल सही दाम देब। हम खेती घाटाक नहिं बल्कि लाभक बनाबए पड़त आ ओकरा लेल हम आ प्रधानमंत्री मोदी प्रतिबद्ध छी। ओ कहलनि जे हमरा किसानकेँ विज्ञानसँ जोड़य केर अछि। खेत, किसानसँ वैज्ञानिक तक जँ जुड़ि जाइथ आ ज्ञान सोझे किसानक खेत धरि पहुँचि जाए तऽ चमत्कार भऽ सकैत अछि। अहाँ आ हमरा बीच बस एकटा फोन कॉलक दूरी अछि। हम सेहो धीरे-धीरे अलग-अलग भेंट करब मुदा भेंट करबामे समय लगैत अछि। अहाँ हमरा एहि लेल सुझाव सेहो पठा सकैत छी आ तखन हम चर्चा कए सकैत छी। एकटा रोडमैप बनाउ जाहि पर नहिं केवल भारतीय कृषि आ किसानक कल्याण प्राप्त कयल जा सकय, बल्कि हम भारतकेँ दुनियाक फूड बास्केट सेहो बना सकैत छी, दुनियाकेँ भोजन दऽ सकैत छी, भोजन निर्यात कऽ सकैत छी।

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