चुनावी वर्षमे एक्कहि संग पांच प्रमुख व्यक्तिकेँ, देशक सर्वोच्च नागरिक सम्मान देबाक घोषणा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कएल गेल। आब केंद्र सरकारक एहि निर्णय पर राजनीति जगतमे अनेको अर्थ बहार कएल जा रहल अछि। सत्तर बर्खक इतिहासमे एहेन कहियो नहि भेल जे, एक संग पांच गोटेक नामक घोषणा भेल होय। एहेन पहिल बेर भेल अछि, जे एक वर्षमे पांच महान व्यक्तित्वकें भारत रत्न देबाक घोषणा केन्द्रक मोदी सरकार द्वारा कएल गेल अछि। मोदी सरकार द्वारा कर्पूरी ठाकुर, पी वी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह आ एम एस स्वामीनाथनकेँ (मरणोपरांत) भारत रत्न देल गेल, त’ पहिने लालकृष्ण आडवाणीक नामक घोषणा सेहो कएल गेल छल। भारत रत्न देशक सर्वोच्च नागरिक सम्मान मानल जाइत अछि, मुदा पूर्वमे ई एक वर्षमे अधिकतम तीन व्यक्तिकें देबाक परंपरा रहल अछि। एकर अनेको कारण भ’ सकैत छैक, ओना विगत कएक वर्षसँ किनको एहि सम्मानसँ सम्मानित नहि कएल गेल अछि। भरिसक तैं, एक्कहि बेर पांच महापुरुषक नाम चयनित भेल अछि। ओना एखन धरि इहो साफ नहि भेल अछि कि, किनका, कोन वर्ष लेल सम्मान देल गेल अछि। देशक सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ई भारत रत्नक शुरुआत वर्ष 1954 सँ भेल आ सभसँ पहिने एहि सम्मानसँ सर्वपल्ली राधाकृष्णन, चक्रवर्ती राजगोपालचारी, संगहि डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमणकेँ देल गेल छलैन्ह। एखन धरि कुल 53 महापुरुषकेँ एहि सर्वोच्च सम्मानसँ सम्मानित कएल जा चुकल अछि। अंतिम भारत रत्नसँ सम्मानित महात्मा, नानाजी देशमुख छलाह, जिनका वर्ष 2019 मे भारत रत्नसँ सम्मानित कएल गेल छल। पूर्वमे ई सम्मान, मरणोपरांत नहि देल जाइत छल, मुदा वर्ष 1966 में एहि नियममे बदलाव कएल गेल फलस्वरूप अनेको महापुरुषकेँ ई सर्वोच्च सम्मान मरणोपरांत देल जा सकल। एखनहुँ एहि सम्मान लेल नामित पांच व्यक्तिमे, चारि गोटेकेँ ई सम्मान मरणोपरांत देल जा रहल अछि। आब सरकारक एहि निर्णय पर राजनीतिक जानकार लोकनि, एहिमे सेहो राजनीति ताकि रहल छथि। कहल जा रहल अछि कि, एहि घोषणाक संग मोदी सरकार, अलग-अलग प्रदेशमे अनेको समीकरण साधबाक प्रयास कएलक अछि। केंद्र सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंहकेँ भारतरत्न देबाक घोषणाक संग, आरएलडी आ जाट समाजमे, प्रसन्नता छैक, किएक त’ विगत कएक वर्षसँ एकर मांग होइत रहल अछि। जाट समाज पछिला पच्चीस – तीस वर्षसँ, किसान नेता चरण सिंहकेँ भारतरत्न देबाक मांग करैत रहल अछि। त’ चौधरी चरण सिंहक नामक संग भाजपा अप्पन चुनावी योजना साफ़ कएलक अछि। ओना त’ पछिला किछु दिनसँ जयंत चौधरीक भाजपाक संग मेलजोलक खबैर अबैत रहल अछि, मुदा जयंत चुप छलाह, आ हुनकर चुप्पी सपा नेता अखिलेश यादवक संग – संग विपक्षी गठबंधन लेल सेहो असह्य छल। मुदा आब मोदी सरकारक एहि निर्णयसँ जयंत अति प्रसन्न छथि आ आरएलडीके भाजपाक संग जएबाक मार्ग सेहो प्रशस्त सन भेल अछि। एहिसँ संबंधित प्रश्नक उत्तरमे जयंत, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्रीके प्रति आभार प्रकट करैत कहलनि कि, “आब कोन मुंहे मना करू” मतलब साफ अछि कि, आब आरएलडी राजग गठबंधनक संग जाओत। ई निर्णय निश्चित रूपसँ विपक्षक इंडिया गठबंधन लेल सेहो नुकसानदेह सिद्ध भ’ रहल अछि किएक त’ जहन, प्रदेशक पूर्व मुख्यमंत्री जननेता कर्पूरी ठाकुरक नाम आयल त’ नितीशकुमार सेहो केंद्र सरकार आ पीएम मोदीक प्रशंसा करैत महागठबंधन त्यागने छलाह। तत्पश्चात ओ, भाजपाक सहयोगसँ मुख्यमंत्री बनलाह। आब चौधरी चरण सिंहक नामक घोषणा भेल अछि त’ जयंत चौधरी भाजपाक संग जा रहल छथि। आगामी लोकसभा चुनावके देखैत पीएम मोदी, कोनो तरहक जोखिम नहि उठाबय चाहि रहल छथि आ पश्चिमी उत्तरप्रदेशमे किसान आ जाट वर्गक मत अत्यधिक महत्वपूर्ण मानल जाइत अछि। कहल जा रहल अछि कि, भाजपा द्वारा आगामी लोकसभा चुनावसँ पूर्व, जयंत चौधरीकेँ संग अनबाक बड्ड प्रयास भेल, मुदा जयंत सपाक संग मोलभावमे व्यस्त छलाह। मुदा जयंतकेँ, राजग गठबंधनमे शामिल करएबाक लेल भाजपा द्वारा जयंतके समक्ष बंपर ऑफर राखल गेल, जे जयंत चौधरीकेँ चुप रहबाक लेल विवश कएलक अछि। चौधरी चरण सिंह किसान नेता छलाह, किसानक हित हुनका लेल सर्वोपरि रहलनि त’ एहेन महापुरुषकेँ एहि तरहक सम्मान भेटलासँ किसान वर्गमे अतिशय उत्साह अछि। तहिना प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथनकें भारत रत्न द’ केंद्र सरकार एक तरहेँ कहल जाए त’ किसान वर्गकेँ ह्रदय जीतबाक प्रयास कएलक अछि। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथनक देशक कृषि क्षेत्रक सुधारमे योगदान, अतुलनीय रहल अछि। हुनका, भारतमे हरित क्रांतिक जनक सेहो कहल जाइत अछि। ओना, प्रधानमंत्री मोदीक कार्यशैली, आन – आन राजनेतासँ फराक रहैत अछि, ओ हर कार्य अपनहि तरिकासँ करैत छथि। हुनकर हर निर्णय, जानकार लोकनिक लेल सेहो अबूझ पहेली सिद्ध होइत रहल अछि। भारत रत्नक चुनावमे सेहो मोदी सरकार, अप्पन बुद्धिमत्ताक परिचय देलक अछि। सम्मानित महापुरुषमे सँ दू गोटे, नरसिम्हा राव आ चौधरी चरण सिंह भाजपाक पृष्ठभूमिसँ नहि छथि त’ दू गोट सम्मानित व्यक्ति, नरसिम्हा राव आ डॉ. एमएस स्वामीनाथन दक्षिण भारतसँ छथि। एहि सभसँ ई त’ अबस्से ज्ञात होइत अछि कि, पीएम मोदी देशक हर क्षेत्रक योगदान आ विशेषज्ञताके महत्व प्रदान करैत छथि। चौधरी चरण सिंहकें भारत रत्न देबाक घोषणा करैत पीएम मोदी सोसल साइट एक्स पर पोस्ट कएलनि कि, “हमर सरकारक ई सौभाग्य अछि कि, देशक पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जीकेँ, भारत रत्नसँ सम्मानित कएल जा रहल अछि। ई सम्मान देशके लेल हुनक अतुलनीय योगदानके समर्पित अछि।” तहिना पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा रावकेँ भारत रत्न देबाक घोषणा करैत पीएम लिखलनि कि, “ई कहैत हर्षक अनुभूति भ’ रहल अछि कि, अप्पन पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव गारूकेँ, भारत रत्नसँ सम्मानित कएल जाएत। ओ, विद्वान आ राजनेताक रूपमे देशक पैघ सेवा कएलनि। ओ अपन दूरदर्शी नेतृत्वसँ भारतके आर्थिक रूपसँ उन्नत बनएबाक आ समृद्धि करएमे महत्वपूर्ण भूमिकाक निर्वहन कएने छथि। हुनक नेतृत्व, विकासके लेल एकटा ठोस नींव राखएमे सहायक छल। पीएमके रूपमे नरसिम्हा राव, भारतके वैश्विक बाजारके लेल खोललनि जाहिसँ, आर्थिक विकासक एकटा नव युगके प्रोत्साहन भेटल।” डॉ. एमएस स्वामीनाथनकेँ भारत रत्न देबाक घोषणा करैत पीएम कहलनि कि, “डॉ. एमएस स्वामीनाथनकेँ भारत रत्नसँ सम्मानित करब अत्यंत हर्षक विषय अछि। चुनौतीपूर्ण समयमे ओ, भारतके कृषि क्षेत्रमे आत्मनिर्भरता प्राप्त करबामे महत्वपूर्ण भूमिकाक निर्वाह कएलनि। डॉ स्वामीनाथन, भारतीय कृषिके आधुनिक बनएबाक दिशामे सराहनीय कार्य कएने छथि। डॉ. स्वामीनाथनक दूरदर्शी नेतृत्व, नहि मात्र भारतीय कृषिके बदललक अपितु, देशक खाद्य सुरक्षा आ समृद्धि सेहो सुनिश्चित कएलनि।” केंद्र सरकारक ई निर्णय निश्चित रूपसँ हर क्षेत्र आ समाजके संतुलित करैत लेल गेल अछि, संगहि आगामी लोकसभा चुनाव आ विपक्षक इंडिया गठबंधनके ध्यानमे राखि लेल गेल अछि। किएक त’ आगामी आम चुनावके ल’ क’ देशमे जोड़ तोड़ शुरू अछि, आब भाजपा त’ सेहो एकटा राजनीतिक दल अछि त’ केंद्र सरकारक निर्णयमे चुनावी रणनीतिक झलक देखब कोनो आश्चर्यक गप्प नहि। आखिर भाजपाके सेहो चुनाव लड़बाक छैक त’ विपक्षक आरोप जे, पी वी नरसिम्हा रावके संग मनमोहन सिंहके ल’ क’ अछि, ताहि सभसँ केंद्र सरकार विचलित नहि अछि। वोटबैंकक राजनीति हर ठाम होइत छैक, भाजपा सेहो कोनो एहि सभसँ फराक नहि अछि, हँ भाजपा लग अवसर छैक, आ तहिना अवसरक लाभ उठएबाक कला सेहो छैक, त’ लाभ उठा रहल अछि। एहि वर्ष सभसँ पहिने, जननायक कर्पूरी ठाकुरकेँ भारत रत्न देबाक घोषणा भेल। बिहारक पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, सामाजिक न्यायक नायक छलाह, आ इहो तय अछि कि, हुनका एहि सम्मानसँ सम्मानित करबाक लाभ, निश्चित रूपसँ भाजपा चुनावमे उठाओत। प्रदेशक 27 प्रतिशत पिछड़ा आ 36 प्रतिशत अति पिछड़ा वर्गक लेल केंद्र सरकारक ई निर्णय निश्चित रूपसँ उत्साहवर्धक अछि। कर्पूरी ठाकुरक पुत्र रामनाथ ठाकुर, जदयूक राज्यसभा सांसद छथि, कर्पूरीकेँ भारत रत्न भेटलाक किछुए दिन पश्चात् भाजपा आ जदयू द्वारा प्रदेशमे खेला भेल। चिराग पासवान, पशुपति कुमार आ जीतन राम मांझीक पार्टी त’ पहिनहिसँ राजग गठबंधनक अंग अछि आब, जदयूके अएलाक उपरांत प्रदेशमे भाजपा बहुत हद धरि मजगूत भेल अछि। कहबाक तात्पर्य ई जे, केंद्र सरकारक हर निर्णय एखन राजनीति नफा – नुकसानसँ प्रेरित अछि, पूर्वमे आरोप लगाओल जाइत रहल कि, अयोध्या आ राम मंदिर पर राजनीति होइत अछि, आब एखन भारत रत्न सेहो राजनीतिक समीकरणके साधबाक अस्त्र सिद्ध भ’ रहल अछि। मुदा एहि तरहक आरोपसँ केन्द्रक भाजपा सरकार विचलित नहि भ’ कोनो आन योजना पर कार्य करबाक लेल तैयार होइत अछि।