केन्द्र सरकार यातायातक सुविधाक लेल हालहिमे एकटा पैघ निर्णय लेलक। रक्सौलसँ हल्दिया (कोलकाता) धरि एक्सप्रेस-वे बनयबाक स्वीकृति देल गेल। एहि निर्णयसँ नेपालसँ कोलकाता तकक लोककेँ बहुत फायदा होएत। विशेष रूपसँ सीतामढ़ीकेँ कोलकातासँ सड़क मार्गसँ सीधा जोड़ल जायत। एहिसँ आर्थिक गतिविधिकेँ सेहो बहुत बढ़ावा भेटत।
तेसर बेर प्रधानमंत्री बनलाक बाद नरेन्द्र मोदीक ई पैघ उपहार सीतामढ़ी सहित बिहार, झारखंड आ पश्चिम बंगालक जनताक लेल अछि। केन्द्र सरकार कोलकाताकेँ सीधा नेपालसँ जोड़बाक लेल एक्सप्रेस-वेक निर्माणकेँ मंजूरी देलक अछि। रक्सौलसँ प्रारम्भ होइत नेपालक सीमा शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई आ बांका होइत गुजरत। ई एक्सप्रेसवे कोलकाताक हल्दिया बन्दरगाह धरि जायत। अर्थात कोलकाताकेँ नेपालसँ नीक कनेक्टिविटी भेटत। कोलकाता बन्दरगाहसँ सड़क मार्गसँ सीधा नेपाल पहुँचत। संगहि नेपालसँ कोलकाता जायत। एहिसँ सीतामढ़ी सहित उत्तर बिहारक कतेको जिलाकेँ लाभ होयत। एहि एक्सप्रेसक निर्माण भारतमाला सीरीज-२क अन्तर्गत कयल जायत। ६९५ किलोमीटर नमगर एहि सड़कक निर्माणसँ सड़क मार्गसँ यातायात बहुत आसान भऽ जायत। मालक परिवहन सेहो आसान होएत। समयक बचते मात्र नहिं, बल्कि पाइ सेहो कम खर्च होयत।
हल्दिया बन्दरगाह समुद्रक माध्यमसँ दुनियाक कतेको देशसँ वस्तुक आयात आ निर्यातक लेल उत्तरदायी अछि। एहन स्थितिमे एहि सड़कक निर्माणक कारण आर्थिक गतिविधिमे उल्लेखनीय वृद्धि होयत। बेहतर कनेक्टिविटीक संग एक्सप्रेस-वे पर बहुत रास होटल, रेस्तराँ, मॉल, कारखाना आदि सेहो बनत। जे आर्थिक प्रगतिमे मदद करत। ई एक्सप्रेसवेसँ पूर्ण रूपसँ पहुँच नियंत्रित होयत। एकर निर्माणमे आकस्मिक नियंत्रणकेँ ध्यानमे रखैत अधिकतम गति सीमा १०० सँ १२० किलोमीटर प्रति घंटा धरि राखल गेल अछि। भारतमाला परियोजनाक अन्तर्गत बनल एहि एक्सप्रेसवेक लगभग सभ मार्ग पहुँच नियंत्रित अछि, जे सामान्यतः उच्च गतिक वाहनक लेल बनाओल जाइत अछि। एहि एक्सप्रेस-वे पर धीमा गतिक वाहनकेँ अनुमति नहिं देल जायत। हल्दिया-रक्सौल एक्सप्रेस-वेक निर्माणक लेल डीपीआरकेँ मंजूरी देल गेल अछि। प्रारम्भिक योजनाक अन्तर्गत ई एक्सप्रेस-वे ४ सँ ६ लेन होयबाक प्रस्ताव अछि। राज्यक उप मुख्यमंत्री आ सड़क निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा स्वयं हालहिमे मीडियाक सङ्ग ई जानकारी साझा कयलनि। ओ कहलनि जे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीक तेसर कार्यकालक ई पहिल उपहार बिहार, झारखंड आ पश्चिम बंगालक जनताक लेल अछि।