बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) केर संबंधमे बिहार स्वास्थ्य सेवा संघक कहब अछि जे ई कर्मचारीक लेल लाभदायक नहिं अछि।
बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ एकीकृत पेंशन योजनाक विरोध कयलक अछि। पैघ आंदोलनक चेतावनी देल गेल अछि। प्रवक्ता डॉ. वी कुमार सोमदिन कहलनि, “ई मात्र शिगुफा अछि। एहिसँ कर्मचारी, पेंशनभोगीकेँ कोनो फायदा नहिं होएत। एकरा वापस लिअ केंद्र सरकार आ पुरान पेंशन योजनाकेँ लागू करय। हम बहुत दिनसँ ओपीएस लेल आंदोलन कए रहल छी। आब तीव्र आंदोलन होएत। हम एहि निर्णयसँ बिलकुल संतुष्ट नहिं छी। एकरा बिहारमे बिल्कुल लागू नहिं करबाक चाही।”
डॉ. वी कुमार कहलनि जे सरकारी कर्मचारी सभमे कोनो खुशी नहिं अछि किएक तँ प्रत्येक मास मूल वेतनक १०% एनपीएसमे काटि लेल जाइत छल। ओ यूपीएसमे सेहो जारी रहत। मूल वेतनक मात्र ५०% पेंशनक रूपमे देल जायत।
एखनि कर्मचारीक सबसँ पैघ माँग ई अछि जे प्रत्येक मास अहाँ कर्मचारीक मूल वेतनसँ १०% काटि लैत छी, एकरा तत्काल रोकि देल जाय। एहिमे ग्रेच्युटी सेहो कम अछि। पहिले ई छल जे २० सालक सेवाक बाद अहाँ ओपीएसमे पूर्ण पेंशनक पात्र छी। यूपीएसमे एकरा बढ़ाकऽ २५ साल कऽ देल गेल अछि।
बिहार स्वास्थ्य सेवा संघक अध्यक्ष आगू कहलनि कि बहुत रास कर्मचारी होएत जे सरकारी कर्मचारी देरीसँ बनत। तिनका लेल २५ साल तक कोनो सेवो नहिं रहत। तखनि ओ कर्मचारी पूर्ण पेंशनक हकदार नहिं होयत आ मात्र १० हजार पेंशन भेटत। एक बेर जखन कोनो विधायक सांसद भऽ जाइत छथि तखनि हुनका आजीवन पेंशन भेटैत अछि। हमरा एतय २५ साल तक काज करय पड़त आ तखनि हमरा पूरा पेंशन भेटत। एहेन भेदभाव कियैक ?
जनतब जे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीक अध्यक्षतामे केन्द्रीय मंत्रिमंडल सरकारी कर्मचारीसभक लेल एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस)केँ मंजूरी देलक अछि।