समारोह

बैट्री रिक्शा, सोलर प्रेशर कूकर आदि अनेक चीजक पेटेंटधारक प्रो. आनंद मोहन शरण लिखित पोथी “हिस्ट्री ऑफ़ पटना” केर लोकार्पण

पटना समदिया
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प्रो.आनंद मोहन शरण द्वारा अंग्रेजीमे लिखित पोथी “हिस्ट्री ऑफ पटना”क लोकार्पण शनि दिन पटना स्थित बुद्ध स्मृति पार्क संग्रहालय सभागारमे कएल गेल।

इंटैक, पटना चैप्टर द्वारा आयोजित एहि समारोहक मुख्य अतिथि डॉ. निगम प्रकाश नारायण कहलन्हि जे पाटलिपुत्र सिर्फ शासन, सत्ता आओर व्यापारेक केंद्र नहि रहल अपितु विज्ञान एवं तकनीकी अनुसंधानमे सेहो विश्वक नेतृत्व कएलक अछि।

कार्यक्रमक अध्यक्षता करैत संग्रहालय, बिहारक पूर्व निदेशक डॉ.उमेश चंद्र द्विवेदी कहलन्हि जे जखनि हम पाटलिपुत्रक योगदान केर चर्चा करैत छी तs हमरा सभकें कला, साहित्य, विज्ञान एवं सांस्कृतिक योगदान पर सेहो शोध करबाक चाही। ओ स्मरण दियौलथि जे आर्यभट्टेक सिद्धांत सम्पूर्ण दुनियाक पथ प्रदर्शक बनल रहल अछि।

इंटैक, पटना चैप्टरक कन्वेनर भैरव लाल दास कहलन्हि जे प्रो. आनंद मोहन शरणक पुस्तकसौं आर्यभट्ट आ केप्लर केर सिद्धांतक बीच उत्पन्न विवाद पर ठोस जानकारी भेटैत अछि। ओ कहलन्हि जे आर्यभट्ट अपन किताब आर्यभट्टियम केर रचना मात्र 23 वर्षक अवस्थामे कयने छलाह। ओहि समय मगधक राजगद्दी पर बुद्धगुप्त आसीन छलाह।

आगत अतिथि सभक स्वागत करैत बुद्ध स्मृति पार्क संग्रहालयक संग्रहालयाध्यक्ष डॉ. शिव कुमार मिश्रा कहलन्हि जे प्रो. शरण साहबक हृदयमे पटना सदिखन बसैत छन्हि, हालांकि 1964 ईसवीमे आईआईटी मुंबईसँ पीएचडी कएलाक बाद ओ कनाडा चलि गेलाह आ सोलर एनर्जीसँ ल’कs प्राचीन इतिहास विषयमे नवीन शोध कयकेँ विश्वक ध्यान आकर्षित कएलन्हि।

एतबे नहि पटनामे चलय वाला बैट्री रिक्शा, सोलर प्रेशर कुकर सहित अन्य कतोक वस्तुजातक पेटेंट प्रो. शरण साहब लग छन्हि। इंटैक केर आजीवन सदस्य के.के.अग्रवाल कहलन्हि जे पाटलिपुत्रक इतिहास पर शोध करयवला सभक लेल ई पोथी एकटा महत्वपूर्ण संदर्भ ग्रन्थ अछि।

समारोहमे कुमार राघवेंद्र सिंह, राय यशेंद्र प्रसाद, आरती शरण, डॉ.विनय कर्ण, सीमा सिन्हा, कमल नयन श्रीवास्तव, प्रो. अजय प्रताप, ई. दीपक कुमार बक्शी, नीतू तिवारी, रचना प्रियदर्शिनी, डॉ. मनीष कुमार, सुमित सौरभ, पशुपति सिंहा आदि सद्यःलोकार्पित पोथी पर अपन विचार रखलन्हि।

एहि समारोहमे भारत भूषण झा,अलका दास, स्प्रिहा सिंह, अर्चना चौधरी, अरुण कुमार राय, करुणा तिवारी, आनंद कुमार शर्मा, श्रेया, के.के. सिंह सहित भारी संख्यामे इतिहासकार एवं बुद्धिजीवी सभ उपस्थित छलथि।

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