शनिदिन भोरमे भेल भारी बरखा डीएमसीएच परिसरकेँ झीलमे बदलि देलक। परिसरक चारूकात पानि देखल गेल। प्रशासनिक कार्यालय सहित सभ विभाग परिसर जलमग्न भऽ गेल अछि। परिसरमे दू सs तीन फीट पानि भेटल। ओपीडी आ आपातकालीन विभागमे पानि घुसलासँ चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित भेल। परिसरमे पानि भरलाक कारणेँ रोगीकेँ स्थानान्तरणमे बहुत कठिनाईक सामना करय पड़लनि। लगभग आधा दर्जन मरीजकेँ एम्बुलेन्ससँ मेडिसिन वार्डमे पठाओल गेल। अधीक्षक कार्यालय परिसरमे पानि भरलाक कारण उप अधीक्षककेँ ट्रॉमा सेंटर लग कार छोड़ि पैदल कार्यालय पहुँचय पड़लनि। प्राचार्य डॉ. केएन मिश्रकेँ कार्यालय पहुँचबाक लेल मार्ग बदलय पड़लनि। ओ सभ लाइब्रेरी होइत कार्यालय पहुँचलाह।
शनिदिन भोरक बरखा रोगी आ परिवारक लेल आपदा साबित भेल। बरखाक कारण हुनका बहुत समस्याक सामना करय पड़लनि। ओपीडी परिसरमे जलभराव भेलाक कारण कतेको लोक पिच्छरबासँ बचि गेलाह। बरखा बुजुर्ग, महिला आ बच्चाक समस्या बढ़ा देलक।
कर्मी सभक अनुसार, बरखाक कारण अपेक्षाकृत कम रोगी पहुँचल। सामान्य दिनमे शनि दिन १५०० सँ बेसी रोगी मुख्य ओपीडी पहुँचैत छथि। आइ विभिन्न विभागमे १३२२ रोगीकेँ परामर्श देल गेल। एक दिन पहिने, शुक्रदिन 3030 रोगी पहुँचल छल। मौसम विभागक अनुसार अगिला दू-तीन दिन धरि बरखा होयबाक सम्भावना अछि। जँ आओर बरखा होयत तँ रोगी आ परिवारक लेल अस्पताल पहुँचब बेसी कठिन भऽ जायत। शनिदिन डीएमसीएचक ओपीडी पहुँचल बेनीपुरक निवासी लखीम सीतामढ़ीसँ आयल नरेश सिमरी निवासी राधा कहलनि जे एहिठामक व्यवस्था विफल भऽ गेल अछि। ई समस्या अस्पतालमे बरखसँ बनल अछि। अस्पताल कने बरखामे डूबि जाइत अछि। नरेश कहलनि जे जँ दू-तीन दिन धरि लगातार बरखा होयत तँ डीएमसीएच पहुँचब कठिन भऽ जायत।