उत्तर प्रदेशक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहलनि अछि जे बांग्लादेशसँ सबक सीखू, एक रहू, विभाजित नहिं होउ। बँटब तऽ कटब, एकजुट रहब तखने सुरक्षित रहब।
मुख्यमंत्री सोमदिन आगरामे जन्माष्टमीक अवसर पर दुर्गादास राठौरक प्रतिमाक अनावरणक अवसर पर बाजि रहल छलाह।
एहि दौरान ओ कहलनि जे राष्ट्रसँ पैघ किछु नहिं होइत अछि। राष्ट्र तखनि मजबूत होएत जखन हम एकजुट होयब। अहां बांग्लादेशकेँ देखि रहल छी, ओ गलती एतय नहिं हेबाक चाही। जँ अहां बँटब तऽ कटब। एक रहब तऽ नेक रहब आ समृद्धिक चरम पर पहुँचब।
ओ कहलनि जे जाति, भाषाक नाम पर समाजकेँ विभाजित करयवला शक्तिसँ हमरासभकेँ सावधान रहय पड़त। दुर्गादास राठौरक ई संकल्प छल। कन्हैया आगराक प्रत्येक कणमे रहैत छथि। एतय कला अछि, आस्था अछि, समर्पण अछि, विश्वास अछि। इएह मात्र राष्ट्रीय निष्ठा बढ़ाबैत अछि।
मुख्यमंत्री कहलनि जे दुर्गादास राठौरक ई संकल्प छल।मारवाड़, एमपीमे दुर्गादासक नाम अमर अछि। हमरा महापुरुषक नाम याद राखय पड़त। मूर्ति १० सालसँ हमर प्रतीक्षा कए रहल छल। उद्घाटन ओही दिन भेल छल जाहि दिन कृष्ण आयल छलाह।
ओ कहलनि जे हमसभ जनैत छी जे ९ अगस्त, १९२५ केँ देशक स्वतन्त्रताक लेल लखनऊमे राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खान, चन्द्रशेखर आजाद सन क्रांतिकारी काकोरी ट्रेन एक्शनक घटनाकेँ अंजाम दऽ अंग्रेज शासनकेँ चुनौती देलनि। ओहि समय ब्रिटिश शासन डगमगा गेल छल। ट्रेन एक्शनमे एहि क्रांतिकारी सबकेँ मात्र ४ हजार ६०० रुपया भेटल। लेकिन, अङ्ग्रेज हुनका गिरफ्तार आ सजा देबा लेल १० लाख रुपया खर्च कयलक। तखनो स्वतंत्रता संग्राम कमजोर नहिं भेल। जखन राम प्रसाद बिस्मिलकेँ फाँसी देल जा रहल छल, तखन हुनका पूछल गेल जे की हुनकर कोनो अंतिम इच्छा छनि। तखन बिस्मिल कहलनि – हमरा एहि भारतमे सौ बेर जन्म होए आ मृत्युक कारण सदैव देशक परोपकार रहबाक चाही। हिन्दुस्तानक एहि धरती पर हमरा बेर-बेर जन्म ली।