विधि-व्यवस्था

बाबा रामदेव आ आचार्य बालकृष्ण पतंजलिक भ्रामक विज्ञापन मामिलामे मांगलनि सुप्रीम कोर्टमे मौखिक माफी

नई दिल्ली
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बाबा रामदेव आ पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेडक प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण मंगलदिन उच्चतम न्यायालयक समक्ष बिना शर्त माफी मांगलनि।

पीठ प्रश्न कयलक “अहां चिकित्साक अन्य पद्धतिकेँ छोड़ए लेल किएक कहलहुं ?

जबाबमे बाबा रामदेव कहलनि जे पतंजलि आयुर्वेदकेँ साक्ष्य आधारित चिकित्सा प्रणाली बनयबाक प्रयास कयलक अछि। ओ केकरो आलोचना नहिं कए रहल अछि।

एहि पर सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करैत कहलक, “हम अहाँक रवैयाक बात कय रहल छी, जँ अहाँ (शोध) कयलौंह अछि तऽ एकरा केंद्र सरकारक अंतःविषय समितिमे साबित करू। अहाँक वकील कहलनि अछि जे अहाँ अपन आयुर्वेदकेँ बढ़ावा देबाक लेल अन्य दवाइ वा ओकर उपचारकेँ अस्वीकार नहिं करब।

बाबा रामदेव हाथ जोड़ि कहलनि जे हुनका एहन सार्वजनिक बयान नहिं देबाक चाही आ भविष्यमे बेसी सावधान रहताह। ओ कहलनि, “ई हमरासँ बेसी उत्साहक कारण भेल, हम फेर नहिं करब।”

तहिना आचार्य बालकृष्ण सेहो कहलनि, “हमरासँ अनजानमे गलती भेल। भविष्यमे हम बहुत ध्यान राखब। हम अपन गलतीक लेल माफी मांगैत छी। हम भविष्यमे बहुत सावधान रहब।”

एकर अतिरिक्त, अदालत रामदेव आ बालकृष्णसँ भ्रामक विज्ञापनक निरन्तर प्रकाशन आ पछिला साल नवम्बरमे पतंजलिक वकील द्वारा हलफनामा प्रस्तुत कयलाक तुरन्त बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करबा पर प्रश्न कयलक।

पतंजलि पहिने सर्वोच्च न्यायालयकेँ आश्वासन देने छल जे ओ अपन उत्पादक औषधीय प्रभावकारिताक दावा करय बला कोनो बयान नहिं देत, वा कानूनक उल्लंघन करैत ओकर विज्ञापन वा ब्रांड नहिं करत। मीडियामे सेहो कोनो चिकित्सा प्रणालीक विरुद्ध कोनो बयान जारी नहिं करत।

बाबा रामदेव कहलनि जे सर्वोच्च न्यायालयक समक्ष देल गेल वचनपत्रक उल्लंघन करबाक हुनकर कोनो इरादा नहिं छल। ओ कहलनि जे हुनकर इरादा अदालतक अनादर करबाक नहिं छल आ कहियो नहिं रहत।

दुनू गोटेक सङ्ग वार्ताक बाद सर्वोच्च न्यायालय हुनकर बिना शर्त माफी पर विचार करबाक लेल सहमत भऽ गेल। ओना ई स्पष्ट कयलक जे रामदेव आ बालकृष्णक आचरण माफ नहिं कयल गेल अछि।

रामदेवक तरफसँ प्रस्तुत वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी कहलनि कि पतंजलि अपन सद्भावना देखाबय लेल स्वैच्छिक कदम उठाओत। ओ अदालतसँ अनुरोध कयलनि जे एहि मामिलाकेँ एक सप्ताहक बाद सूचीबद्ध कयल जाय।

सूचीकरणक अगिला तिथि पर सेहो रामदेव आ बालकृष्ण व्यक्तिगत रूपसँ अदालतमे उपस्थित रहताह।

भारतीय चिकित्सा संघ पतंजलिक विरुद्ध ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, १९५४क उल्लंघनक लेल कारवाईक माँग कयलक अछि।

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