शनिदिन लोकसभामे संविधान पर चर्चाक दोसर दिन छल। एम्हर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू पड़ोसी देशमे अल्पसंख्यक पर अत्याचारक मुद्दा उठौलनि। ओ कहलनि, “ओ सभ हमरा लग सुरक्षा लेबाक लेल अबैत छथि किएक तँ ओ सभ एतय सुरक्षित छथि।”
संविधान पर चर्चाक दोसर दिन लोकसभामे रिजिजू कहलनि, “हमर देशक संविधान मात्र सबसँ पैघ नहि अपितु दुनियाक सबसँ सुन्दर संविधान सेहो अछि। इ सब किछु अछि। पछिला किछु वर्षमे हम बहुत रास संविधानकेँ बुझबाक प्रयास कयलहुँ। संगहि, हम अपन संविधानक प्रावधानसभकेँ बारीकीसँ देखलहुँ अछि, तेँ हमरा एहि पर गर्व अछि। मुदा किछु एहेन बात अछि जे हमरा लोकसभकेँ देखाबैत काल ध्यान रखबाक चाही। एहि तरहेँ नहि बजबाक चाही जे दुनियाक सोझाँ देशक छवि धूमिल भऽ जाय।”
आन देशमे अल्पसंख्यकक विरुद्ध भेदभावक विषयमे ओ कहलनि, “एहेन खबरि आयल अछि जे इंडोनेशियामे शिया आ अहमदियाक सङ्ग भेदभाव कयल जाइत अछि।पाकिस्तानक स्थिति सभ जनैत छी, बांग्लादेशमे की भऽ रहल अछि से सभ जनैत अछि। ई सेहो ज्ञात अछि जे अफगानिस्तानमे हिन्दू, सिख आ ईसाईक संख्या की भऽ गेल अछि। चाहे ओ तिब्बत होय, म्यांमार होय, श्रीलंका होय, बांग्लादेश होय वा पाकिस्तान, अफगानिस्तान, जँ ओतय अल्पसंख्यकसभ पर हमला कयल जायत अछि तँ ओ सभ पहिने सुरक्षा लेबाक लेल भारत अबैत छथि। ओ अईठाम सुरक्षित छथि, एहि लेल ओ अबैत छथि। तखनि ई किएक कहल जाइत अछि जे भारतमे अल्पसंख्यक सुरक्षित नहि अछि ?”
रिजिजू कहलनि, “राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम (एनसीएम) देशमे अल्पसंख्यकसभक लेल अधिनियमित कयल गेल अछि, एहेन आयोगक गठन कोनो आन देशमे नहि कयल गेल अछि। कतेको अधिनियमक उल्लेख करैत ओ कहलनि जे देशमे अल्पसंख्यकसभक लेल बहुत रास विशिष्ट कानून बनाओल गेल अछि।”
ओ कहलनि, “एक-दू ठाम घटना भऽ सकैत अछि, परिवारमे सेहो भऽ सकैत अछि। मुदा ई कहब जे भारतमे अल्पसंख्यकसभकेँ स्थान नहि देल जा रहल अछि, लोकसभकेँ गुरुद्वारा आ दरगाहमे जयबाक अनुमति नहि देल जा रहल अछि, ओ ई किएक कहैत छथि ? एहेन काज नहि करबाक चाही जाहिसँ देशक छवि खराब होय।”